राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में एक बार फिर पुलिस की स्टूडेंट सेल ने अपनी मुस्तैदी से एक कोचिंग छात्र को आत्महत्या करने से बचा लिया. नीट परीक्षा में एक घंटे की देरी के कारण परीक्षा में शामिल न हो पाने से मध्य प्रदेश के एक स्टूडेंट ने परेशान अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया था और सुसाइड करने की कोशिश की. कोचिंग संस्थान की सूचना पर तुरंत हरकत में आई कुन्हाड़ी थाना पुलिस और स्टूडेंट सेल की टीम ने छात्र को ढूंढ निकाला और उसकी जान बचाई ली. छात्र की काउंसलिंग के बाद उसे पेरेंट्स के साथ घर भेज दिया.
क्या हुआ था मामला?
4 मई 2025 को नीट (NEET UG 2025) परीक्षा के दिन मध्य प्रदेश का एक छात्र, जो पिछले एक साल से कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था, परीक्षा केंद्र पर एक घंटे देरी से पहुंचा. देरी के कारण उसे परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं मिला. इस बात से परेशान और निराश होकर छात्र ने अपनी कोचिंग संस्थान से संपर्क किया और अपनी स्थिति बताई. इसके बाद उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया. कोचिंग संस्थान ने तुरंत इसकी सूचना कुन्हाड़ी थाना पुलिस और स्टूडेंट सेल को दी, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि छात्र आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है.
स्टूडेंट सेल और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही कुन्हाड़ी थाना पुलिस और स्टूडेंट सेल की टीम ने छात्र की तलाश शुरू की. छात्र का मोबाइल फोन बंद होने के बावजूद पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला. स्टूडेंट सेल के सदस्यों ने छात्र से बातचीत की, उसकी काउंसलिंग की और उसे मानसिक रूप से स्थिर करने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस ने छात्र के माता-पिता से संपर्क किया और उन्हें कोटा बुलाया. परिजनों के आने के बाद छात्र को उनके साथ सुरक्षित घर भेज दिया.
एएसपी नियती शर्मा का बयान
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नियती शर्मा ने बताया, "रविवार को एक कोचिंग छात्र नीट परीक्षा में देरी से पहुंचने के कारण काफी तनाव में था. सूचना मिलते ही स्टूडेंट सेल की टीम तुरंत रवाना हुई और छात्र को बचाया गया. सेल के सदस्यों ने उससे बातचीत कर उसे समझाया और उसके माता-पिता से संपर्क करवाया." उन्होंने आगे कहा कि छात्र ने परीक्षा छूटने की बात कोचिंग संस्थान को बताई थी, जिसके बाद कोचिंग ने पुलिस को सूचित किया. एएसपी ने यह भी बताया कि इस साल जनवरी से अब तक स्टूडेंट सेल की टीम 5 से 6 छात्रों की जान बचा चुकी है.
कोटा में स्टूडेंट सेल की भूमिका
कोटा, जो देशभर में नीट और जेईई जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है, पिछले कुछ वर्षों में छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं के कारण भी चर्चा में रहा है. इन घटनाओं को रोकने के लिए कोटा पुलिस ने स्टूडेंट सेल बनाई है, जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देती है. यह सेल कोचिंग संस्थानों, हॉस्टलों और परिजनों के साथ समन्वय बनाकर काम करती है. स्टूडेंट सेल की त्वरित कार्रवाई और काउंसलिंग ने कई छात्रों को मानसिक तनाव से उबारकर उनकी जान बचाई है.
पहले भी कई बार दिखाई मुस्तैदी
एएसपी नियती शर्मा के अनुसार, स्टूडेंट सेल ने इस साल कई मामलों में त्वरित कार्रवाई कर छात्रों को आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोका है. जनवरी 2025 से अब तक 5 से 6 छात्रों को रेस्क्यू किया जा चुका है. हाल ही में एक अन्य मामले में अन्नतपुरा पुलिस ने 15 मिनट के अंदर एक अवसादग्रस्त छात्र को ट्रेस कर उसकी जान बचाई थी. उस छात्र ने अपने दोस्त को रोते हुए एक वीडियो भेजा था, जिसके आधार पर पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला था.
कोटा में बढ़ते मानसिक दबाव की चुनौती
कोटा में हर साल लाखों छात्र नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं, लेकिन पढ़ाई का दबाव, असफलता का डर और कॉम्पिटिशन कई बार छात्रों को मानसिक रूप से कमजोर कर देती है. 4 मई 2025 को ही एक अन्य दुखद घटना में कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के पार्श्वनाथपुरम इलाके में एक नाबालिग छात्रा ने नीट परीक्षा से एक रात पहले आत्महत्या कर ली थी. इस साल जनवरी से अब तक कोटा में 15 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं, जो प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
प्रशासन के प्रयास और चुनौतियां
कोटा प्रशासन ने छात्रों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें हॉस्टलों में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाना, कोचिंग संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश जारी करना और छात्रों के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित करना शामिल है. जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी नियमित रूप से छात्रों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं. इसके बावजूद आत्महत्या की घटनाएं पूरी तरह से रुक नहीं पाई हैं.
सलाह: मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान जरूरी
पुलिस और प्रशासन बार-बार अभिभावकों से अपील कर रहे हैं कि वे अपने बच्चों से नियमित बातचीत करें, उनका मनोबल बढ़ाएं और उन्हें तनाव से बचाने में उनकी ताकत बनें. यदि किसी छात्र या उनके परिचित को आत्महत्या जैसे विचार आते हैं, तो तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 या टेलिमानस हेल्पलाइन 1800914416 पर संपर्क करें. इन हेल्पलाइनों पर गोपनीयता के साथ विशेषज्ञ परामर्श उपलब्ध है.