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अब स्टूडेंट वीजा पर संकट... पिछले 15 दिनों में अमेरिकन एंबेसी ने जारी किए ये 5 नोटिस

राष्ट्रपति ट्रंप के निर्वासन आदेशों के तहत अमेरिका ने जनवरी 2025 से अब तक लगभग 700 भारतीयों को वापस नई दिल्ली भेजा है. भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 682 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया, जिनमें से ज्यादातर अवैध रूप से देश में प्रवेश कर गए थे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दुनिया भर में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों को नया निर्देश जारी किया है. इसके तहत तत्काल प्रभाव से छात्र (F), व्यावसायिक (M) और एक्सचेंज विजिटर (J) वीजा इंटरव्यू की नई अपॉइंटमेंट्स पर रोक लगा दी गई है. यह कदम विदेशी स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य सोशल मीडिया स्क्रीनिंग लागू करने की बड़ी योजना का हिस्सा है. पॉलिटिको की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज़ों का हवाला दिया गया है. 

दस्तावेज़ में साफ कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से, जरूरी सोशल मीडिया जांच के विस्तार की तैयारी में किसी भी नए छात्र या एक्सचेंज विजिटर वीजा इंटरव्यू की अपॉइंटमेंट शिड्यूल नहीं की जानी चाहिए, जब तक कि आगे का मार्गदर्शन प्राप्त न हो जाए, जिसकी हमें आने वाले दिनों में अपेक्षा है.

'स्टूडेंट्स को धमकी...'

यूएस एंबेसी के सोशल मीडिया हैंडल से किए गए पोस्ट में लिखा गया, "अगर आप ड्रॉप आउट पाए जाते हैं, क्लास स्किप करते हैं या अपने स्कूल को बताए बिना अपना स्टडी प्रोग्राम छोड़ते हैं, तो आपका स्टूडेंट वीज़ा रद्द किया जा सकता है और आप भविष्य में यू.एस. वीज़ा के लिए पात्रता खो सकते हैं. किसी भी समस्या से बचने के लिए हमेशा अपने वीज़ा की शर्तों का पालन करें और अपना छात्र दर्जा बनाए रखें."

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इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन के द्वारा इस तरह के फैसले लिए जा चुके हैं, जिसका सीधा असर स्टूडेंट्स और अमेरिका जाने वाले लोगों पर पड़ता है.

हार्वर्ड पर एक्शन

पिछले दिनों ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) सर्टिफिकेशन को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था. इस सर्टिफिकेशन के बिना, हार्वर्ड नए विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकता और मौजूदा वक्त में पढ़ रहे करीब 7 हजार विदेशी स्टूडेंट्स को दूसरी यूनिवर्सिटीज में ट्रांसफर करना होगा, वरना उनका वीजा स्टेटस खतरे में पड़ जाएगा.

ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के 2.2 बिलियन डॉलर के संघीय अनुदान और 450 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त फंड को फ्रीज कर दिया है. प्रशासन ने यूनिवर्सिटी से डाइवर्सिटी, इक्विटी, और इन्क्लूजन (DEI) कार्यक्रमों को बंद करने, प्रवेश नीतियों में बदलाव करने, और मध्य पूर्व से संबंधित कुछ शैक्षणिक कार्यक्रमों की ऑडिट करने की मांग की थी, जिसे हार्वर्ड ने ठुकरा दिया.

'झूठ बोलने पर प्रतिबंध...'

भारत में मौजूद यूएस एंबेसी ने 22 मई को नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा, "आपराधिक दोषसिद्धि आपको संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने से स्थायी रूप से रोक सकती है. यहां तक ​​कि मामूली अपराध भी वीज़ा अस्वीकृति को ट्रिगर कर सकते हैं. वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के पास आपकी आपराधिक बैकग्राउंड तक पहुंच है और वे पिछले उल्लंघनों या गिरफ्तारियों का पता लगाएंगे." 

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नोटिफिकेशन में आगे कहा गया कि अपने आवेदन और अपने इंटरव्यू में सच बताएं, झूठ बोलने पर आपको प्रतिबंधित किया जा सकता है.

'इंडियन ट्रेवल एजेंसियों पर बैन...'

20 मई को यूएस एंबेसी ने प्रेस स्टेटमेंट जारी करते हुए ट्रेवल एजेंसीज के लिए चेतावनी दी. इस दौरान कहा गया, "अमेरिका उन लोगों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देता है, जो कमजोर अवैध अप्रवासियों का शोषण करते हैं, उनका शिकार करते हैं और उनसे लाभ कमाते हैं. विदेश विभाग भारत में संचालित ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों, अधिकारियों और वरिष्ठ कर्मचारियों पर वीजा प्रतिबंध लगा रहा है, जो जानबूझकर कमजोर अप्रवासियों का शोषण करके लाभ कमाते हैं.

अमेरिकी यात्रा पर ऐसे लग सकता है बैन

17 मई को यूएस एंबेसी ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा, "अगर आप अपनी अधिकृत अवधि से ज्यादा वक्त तक अमेरिका में रहते हैं, तो आपको निर्वासित किया जा सकता है और मुस्तकबिल में अमेरिका की यात्रा पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जा सकता है." 

वीजा धोखाधड़ी करने पर होगा एक्शन

15 मई को यूएस एंबेसी ने कहा, "अमेरिकी सरकार ने धोखाधड़ी से निपटने और अवैध आव्रजन को खत्म करने के लिए एक इंटर-एजेंसी कोशिश शुरू की गई है. वीजा धोखाधड़ी के दोषी पाए जाने वालों को अमेरिका में एंट्री करने से स्थायी प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा. नई वीजा प्रतिबंध नीतियां उन व्यक्तियों और विदेशी सरकारों पर लागू होती हैं, जो अवैध आव्रजन की सुविधा प्रदान करते हैं."

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राष्ट्रपति ट्रंप के निर्वासन आदेशों के तहत अमेरिका ने जनवरी 2025 से अब तक लगभग 700 भारतीयों को वापस नई दिल्ली भेजा है. भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 682 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया, जिनमें से ज्यादातर अवैध रूप से देश में प्रवेश कर गए थे.

 
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