उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भारी भीड़ जमा होने भगदड़ मच गई. इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई है और 29 लोग जख्मी हो गए. इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. प्रशासन का कहना है कि मंदिर के मुख्य मार्ग पर काफी भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण भगदड़ मच गई. वहीं एक चश्मदीद ने बताया कि मंदिर परिसर में सीढ़ियों में करंट लगने की अफवाह के बाद श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई.
यह हादसा सुबह करीब 9 बजे के आसपास हुआ. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गईं और राहत कार्य शुरू कर दिया. पुलिस ने बताया कि हादसे मृतक छह लोगों में से चार की पहचान यूपी के रहने वालों के रूप में हुई है. मृतकों की पहचान 12 वर्षीय आरूष पुत्र पंकज उर्फ प्रवेश निवासी बरेली, 18 वर्षीय विक्की पुत्र रिक्का राम सैनी निवासी रामपुर, वकील पुत्र भरत सिंह निवासी बाराबंकी और शान्ति पत्नी राम भरोसे निवासी बदायूं के रूप में हुई है.
मनसा देवी हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, 'हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई भगदड़ में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुखी हूं.
पीएम ने कहा कि अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है.
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ जमा होने के बाद भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि मैं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं.
क्या करंट लगने की वजह से मची भगदड़?
शुरुआती जानकारी के अनुसार, सीढ़ियों वाले रास्ते पर ये घटना हुई है. आशंका है कि सीढ़ियों में करंट उतर आता था, जिसके बाद श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई. हालांकि, गढ़वाल के डीसी विनय कुमार ने आजतक से खास बातचीत करते हुए करंट वाली बात को खारिज कर दिया है.
उन्होंने कहा कि हादसे कारणों की जांच की जा रही है. हादसे में 15 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है और 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है. ये हादसा सुबह हुआ था, पर वहां हालात सामान्य हैं.
सीएम ने जताया दुख
हादसे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में भगदड़ मचने का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. UKSDRF, स्थानीय पुलिस और अन्य बचाव दल की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे गई हैं. इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.'
CM ने किया आर्थिक सहायता का ऐलान
साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
मनसा देवी मंदिर के बाहर हुई भगदड़ के संबंध में जानकारी के लिए स्थानीय पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए :-
कंट्रोल रूम हरिद्वार
1. +91 9411112973
2. +91 9520625934
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सुबह हुआ था हादसा: SP
SP प्रमोद्र सिंह ने हादसे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सुबह 9 बजे कंट्रोल रूम में सूचना मिली थी मनसा देवी मुख्य मार्ग पर भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए हैं. उन्होंने बताया कि सूचना के तुरंत बाद पुलिस ने टीम मौके पर पहुंचकर घायल को नजदीक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. करीब 35 लोगों को अस्पताल में लाया गया था. अभी तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि डॉक्टरों ने की है. अभी अस्पताल में 29 लोगों का इलाज चल रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि अन्य गंभीर घायलों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
उन्होंने हादसे की पीछ के वजह बताते हुए कहा कि प्रथम दृश्य इस हादसे की पीछे मुख्य मार्ग पर करंट फैलने की अफवाह बताई जा रही है, लेकिन अभी हादसे की पीछे की ठोस वजह का पता लगाया जा रहा है. ये घटना सीढ़ी मार्ग पर हुई है.
'खंभे में करंट की बात से मची भगदड़'
वहीं, प्रशासन के दावों से इतर मौके पर मौजूद चश्मदीद ने बताया कि मंदिर के पास एक खंभा है, जहां शार्ट सर्किट हुआ. शार्ट सर्किट के बाद लोगों ने बताया कि इस खंभे से करंट आ रहा है, जिससे भगदड़ मच गई.
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ये भगदड़ उस समय हुई जब मंदिर के मुख्य मार्ग पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए एकत्र हुए थे. रविवार होने के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक थी और अचानक हुई अफरा-तफरी के कारण स्थिति बेकाबू हो गई. हादसे के बाद मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन हुआ है. हालांकि, अब हालात सामान्य हैं.
हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन की टीमें घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाने में जुटी हैं. अभी तक हताहतों की सटीक संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं.