संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और आज लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा हुई. समाजवादी पार्टी के सांसद रमाशंकर राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज ऑपरेशन सिंदूर पर डिबेट था, इसलिए पहलगाम के आतंकियों को मारा गया. अगर यह डिबेट पहले हो गई होती तो यह आतंकी पहले मार दिए गए होते. सरकार बहुत चालाकी से काम करती है. ऐसा लग रहा है सरकार डिबेट के दिन का इंतजार कर रही थी.
एसपी नेता ने आगे कहा, "रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हम सौ आतंकवादी मार चुके हैं, उनके ठिकाने ध्वस्त कर चुके हैं. लेकिन यह देश जानना चाहता था कि वे चार दहशतगर्द मारे गए या नहीं. अगर आज यह सूचना आई है, तो यह अच्छी बात है."
रमाशंकर राजभर ने कहा कि अगर सरकार सक्रिय होती, तो ये काम पहले भी कर सकती थी. अगर महीनों गुजरने के बाद ये हुआ है, तो इस पर सरकार जवाब दे सकती है. अगर डिबेट पहले हो गया होता, तो आतंकी पहले मार दिए गए होते. हो सकता है सरकार की नीयत ऐसी ही हो.
उन्होंने आगे कहा, "सरकार बहुत चालाक है,ये हमेशा हर चीज में वोटबाजी करती है. अगर आज के दिन आतंकी मारे गए हैं, तो रक्षा मंत्री को बोलना चाहिए था, लेकिन उन्होंने सदन में नहीं बताया कि ऐसा हो गया है."
लोकसभा के संबोधन में क्या बोले रमाशंकर?
उत्तर प्रदेश की सलेमपुर सीट से SP सांसद रमाशंकर राजभर ने अपने संबोधन में कहा, "बॉर्डर पर जवान की जान सुरक्षित हो, किसान का खेत सुरक्षित हो और गरीब का पेट सुरक्षित हो, ये हमारी नीति होनी चाहिए. रक्षा मंत्री ने इसी सदन में 100 आतंकियों को मारने की बात कही, इसका स्वागत है. उनमें वह 4 आतंकी जो पहलगाम हमले में शामिल थे, उनका नाम नहीं आया."
यह भी पढ़ें: 'या तो ट्रंप झूठ बोल रहे या...', रमाशंकर राजभर ने सीज फायर पर सरकार को घेरा
रमाशंकर राजभर ने आगे कहा कि आतंकी घटना 22 अप्रैल को हुई और ऑपरेशन सिंदूर 17 दिन बाद हुआ. होगी कोई परिस्थिति. मुलायम सिंह ने दुनिया के सामने समर्पण करने की बात कभी नहीं की. देश का मन क्या था? वह तीसरे दिन ऑपरेशन तंदूर चलाने का था. आतंकी हमले के 17 दिन बाद शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर, तीन दिन में बंद हुआ. हमारे देश के प्रधानमंत्री विश्व गुरु हों, किस भारतीय को घमंड नहीं होगा. लेकिन हमें पता चला कि विश्व गुरु तो व्हाइट हाउस में बैठा है.