जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सोनम को गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा गया है.
गीतांजलि ने याचिका में दावा किया है कि सोनम की गिरफ्तारी बिना किसी वैध आधार के की गई है और जांच एजेंसी ने गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया है.
'सोनम को कोर्ट में किया जाए पेश'
उन्होंने कहा कि एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से उन्हें अपने पति के बारे में कोई जानकारी नहीं है, न ही वे उनसे किसी भी तरह का संपर्क कर पा रही हैं. याचिका में मांग की गई है कि सोनम को अदालत के समक्ष पेश करने का आदेश दिया जाए, ताकि उनकी स्थिति और स्थान का पता चल सके.
दरअसल, लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसक झड़पों के बाद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर राजस्थान की जोधपुर जेल भेज दिया गया था. गिरफ्तारी के बाद गीतांजलि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर सोनम की रिहाई की गुहार लगाई थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि सोनम की हिरासत गैरकानूनी है और उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है.
'पता नहीं किसी हाल में हैं सोनम'
गीतांजलि ने याचिका में कहा कि गिरफ़्तारी के इतने दिनों बाद भी वो अपने पति से किसी भी तरह से कोई संपर्क नहीं कर पा रही हैं. उन्हें नहीं पता कि सोनम कहां हैं और किस हाल में हैं. उन्होंने अदालत से मांग करते हुए कहा कि सोनम को सामने लाए जाने का आदेश दिया जाए.