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'अकेले न घूमें' मेडिकल कॉलेज की एडवाइडरी पर बवाल, CMO को देना पड़ा दखल

एडवाइजरी के मुताबिक, कर्मचारियों को ड्यूटी पर रहते समय मानसिक रूप से शांत, सतर्क और अपने आस-पास के बारे में जागरूक रहने को कहा गया था. ये भी कहा गया है कि किसी से बात करते समय अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. हालांकि, असम सरकार ने इस एडवाइडरी को कैंसिल कर दिया है

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कोलकाता की घटना पर गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बुधवार को हुआ प्रदर्शन- PTI
कोलकाता की घटना पर गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बुधवार को हुआ प्रदर्शन- PTI

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद देशभर में उबाल है. डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं और महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इसी बीच असम के असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SMCH) के अधिकारियों ने महिला डॉक्टर्स और कर्मचारियों के लिए एक ऐसा फरमान दिया था, जिसकी खूब आलोचना हो रही थी. आखिरकार असम सरकार ने इस फैसले पर रोक लगा दी. असम मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि इस एडवाइजरी पर रोक लगा दी गई है और जल्द ही एक नई एडवइजरी जारी की जाएगी.

अस्पताल ने जारी की एडवाइजरी

अस्पताल की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि महिला डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को रात में अकेले घूमने से बचना चाहिए. इस संस्थान के प्रधान-सह-प्रधान अधीक्षक डॉ. भास्कर गुप्ता के अनुसार, यह फैसला हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. दिशानिर्देशों के मुताबिक, महिला डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को रात में सुनसान, कम रोशनी वाले और कम आबादी वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है.

डॉ. गुप्ता ने लिखा, 'महिला डॉक्टरों, छात्रों और स्टाफ को यथासंभव ऐसी स्थितियों से बचना चाहिए जहां वे अकेले हों. हॉस्टल या लॉजिंग रूम से रात के समय बाहर जाने से बचें. बाहर जाने से पहले संबंधित अधिकारियों को जरूर सूचित करें.' एडवाइजरी के मुताबिक, देर रात या असामान्य समय पर कैंपस से बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है. स्टूडेंट्स से हॉस्टल नियमों और संस्थान द्वारा बनाए गए प्रशासनिक नियमों का पालन करने को कहा गया है. अजनबी या संदिग्ध लोगों से दूर रहने की सलाह दी गई है. 

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यह भी पढ़ें: 'ना CCTV था, ना सेमिनार हॉल सील किया गया...' कोलकाता रेप-मर्डर केस में पुलिस पर हड़ताली डॉक्टर्स ने उठाए सवाल

एडवाइजरी के मुताबिक, कर्मचारियों को ड्यूटी पर रहते समय मानसिक रूप से शांत, सतर्क और अपने आस-पास के बारे में जागरूक रहने को कहा गया है. ये भी कहा गया है कि किसी से बात करते समय अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. अधिकारियों ने कहा कि किसी भी मुद्दे या शिकायत को तुरंत जेंडर उत्पीड़न समिति, अनुशासन समिति, आंतरिक शिकायत समिति, एंटी-रैगिंग समिति के चेयरमैन/सदस्यों को सूचित किया जाना चाहिए.

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अस्पताल के इस फैसले की आलोचना हो रही है. लोगों का कहना है कि अस्पताल में महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराना अस्पताल के प्रशासन की जिम्मेदारी है. जबकि ये फैसला महिला कर्मचारियों पर ही पहरा लगा रहा है. 

कोलकाता में हुई घटना के बाद देशभर में उबाल

दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर का शव मिला था. सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात 31 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर के साथ 8 अगस्त की रात यौन उत्पीड़न किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी. अधिकारियों ने चेस्ट मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में द्वितीय वर्ष की छात्रा का अर्धनग्न शव बरामद किया था, जिस पर कई चोटों के निशान थे. इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं. (इनपुट- दिलीप कुमार सिंह)

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