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'अमेरिका को लादेन का इतिहास नहीं भूलना चाहिए...', मुनीर और ट्रंप की मुलाकात पर बोले शशि थरूर

शशि थरूर ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन न करने, आतंकियों को न फंड करने और भारत न भेजने की सख्त चेतावनी देगा. अमेरिका को ओसामा बिन लादेन का इतिहास नहीं भूलना चाहिए."

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात और कुछ घरेलू राजनीतिक मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ईरान-इजरायल युद्ध पर चिंता जताई और पाकिस्तान सेना प्रमुख की अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात पर भी चुटकी ली.

ईरान-इजरायल संघर्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने शांति की वकालत की और कहा, "स्थिति बेहद गंभीर है. भारत सरकार ने ईरान में फंसे कई छात्रों को दूसरे देशों में सुरक्षित निकाला है. ईरान हमारा लंबे समय से पड़ोसी और मित्र देश रहा है, वहीं इजरायल भी हमारा साझेदार है. हमारी यही इच्छा है कि दोनों देशों के बीच शांति कायम हो."

पाक सेना प्रमुख और ट्रंप की मुलाकात पर तंज
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात को लेकर थरूर ने कहा, “मैंने बैठक का परिणाम नहीं देखा, लेकिन व्हाइट हाउस के अनुसार जनरल ने राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार देने की बात कही और इसके बदले उन्हें लंच मिला. उम्मीद है खाना स्वादिष्ट रहा होगा और इसके साथ कुछ 'Food for thought' भी मिला होगा.”

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थरूर ने आगे कहा, "हमें उम्मीद है कि अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन न करने, आतंकियों को न फंड करने और भारत न भेजने की सख्त चेतावनी देगा. अमेरिका को ओसामा बिन लादेन का इतिहास नहीं भूलना चाहिए."

अमेरिकी उपराष्ट्रपति से मुलाकात पर स्पष्टीकरण
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति से मुलाकात को लेकर हुए सवालों पर थरूर ने कहा, “प्रधानमंत्री पहले ही राष्ट्रपति से मिल चुके थे. संसदीय प्रतिनिधिमंडल को उपराष्ट्रपति से मिलना भी सम्मान की बात है. कई देशों में ऐसे प्रतिनिधिमंडल को केवल सांसदों से मिलने का अवसर मिलता है.”

उन्होंने दो टूक कहा, “मध्यस्थता समानता दर्शाती है, लेकिन आतंकवादियों और पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती. यदि ट्रंप ने कोई दबाव डाला, तो वह केवल पाकिस्तान पर रहा होगा. हम किसी से अनुरोध नहीं करते, लेकिन अगर अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाए तो स्वागत है.”

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निलाम्बूर रैली से दूरी पर बोले – बुलाया ही नहीं गया
निलाम्बूर में कांग्रेस द्वारा आयोजित एक बड़े प्रचार अभियान में शशि थरूर की गैरमौजूदगी पर सवाल उठे. इस पर उन्होंने कहा, “मुझे पार्टी ने आमंत्रित नहीं किया, लेकिन कोई बात नहीं. मैं अपने उम्मीदवार को शुभकामनाएं देता हूं. मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं.”

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थरूर ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमेशा उनका साथ दिया है और पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने 56 सीटों पर प्रचार किया था.  उन्होंने कहा, “इस बार बुलावा नहीं आया, इसलिए मैंने अपने दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्त रहना उचित समझा,”

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