शरजील इमाम 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं. उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं. उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 12 के तहत भी मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है.
शरजील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत मांगी है, जिसका दिल्ली पुलिस ने कड़ा विरोध किया है. पुलिस का कहना है कि 2020 के दिल्ली दंगे कोई अचानक हुई घटना नहीं थी बल्कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद केंद्र में सत्ता परिवर्तन लाने की एक सोची-समझी साजिश थी.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को सबूत के तौर पर कोर्ट में इन वीडियो को प्ले किया. इन वीडियो की शुरुआत 16 जनवरी 2020 के एक क्लिप से होती है, जो यूपी के अलीगढ़ का है. इसमें शरजील इमाम एक समूह को संबोधित करते हुए दिखाई देते हैं और कथित तौर पर कहते हुए सुनाई देते हैं, ‘अगर हम पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर लें तो हम भारत और उत्तर-पूर्व को स्थायी रूप से काट सकते हैं. अगर स्थायी रूप से नहीं, तो कम से कम एक महीने के लिए ही सही.’
शरजील ने मेनलैंड इंडिया से पूर्वोत्तर को जोड़ने वाले चिकन-नेक की बात करते हुए कहा कि ‘पटरियों पर इतना मलबा फैला दो कि उसे साफ करने में कम से कम एक महीना लग जाए. एयरफोर्स से होकर जाना पड़े. असम को काट देना हमारी जिम्मेदारी हैं यहां से सारी सप्लाई रोक दो. हम इसे रोक सकते हैं, क्योंकि चिकन नेक मुसलमानों का है.'
इन वीडियो में शरजील को आर्टिकल 370, ट्रिपल तलाक, अयोध्या मंदिर, CAA और NRC सहित केंद्र सरकार के कदमों के खिलाफ युवाओं को कथित तौर पर उकसाते हुए सुना जा सकता है. एक वीडियो में, जिसकी तारीख 23 जनवरी 2020 है. शरजील मंच से भीड़ को संबोधित करते हुए कहते दिखाई देते हैं, ‘तो यह बात तय है कि हमला मुसलमानों पर है. आप जानते हैं कि अदालत ने बाबरी के बारे में क्या किया, कश्मीर के बारे में क्या किया. मामला बेहद गंभीर है. उन्होंने मुस्लिम पुरुषों को जेल भेजने के लिए कानून बनाया. आपकी जमीन किसी और को दे दी. CAA के बारे में भी वे यही करेंगे. सबसे अच्छी बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दिल्ली पहुंचने में पांच मिनट लगते हैं.'
दिल्ली पुलिस के अनुसार, शरजील ने भीड़ को उकसाने के लिए उस समय की परिस्थितियों का फायदा उठाया, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान दिल्ली की राजकीय यात्रा पर थे और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में थे. दिसंबर 2019 के एक अन्य क्लिप में, जो दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया का है. शरजील को फिर से प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर उकसाते देखा जा सकता है कि वे सुरक्षाबलों की कार्रवाई से न डरें और जो भी हो, उसका सामना करें.

