लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. एक तरफ बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है तो कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए सरकार से सवाल पूछे हैं. बीजेपी का कहना है कि सरेंडर शब्द से सेना का अपमान हुआ है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि BJP-RSS के लोगों का इतिहास ही कायरता का रहा है.
दरअसल, राहुल गांधी ने एक दिन पहले भोपाल में एक जनसभा के दौरान भारत-पाकिस्तान सीजफायर का जिक्र करते हुए कहा, 'उधर से ट्रंप (अमेरिकी राष्ट्रपति) ने एक इशारा किया. फोन उठाया और कहा, ‘मोदी जी, क्या कर रहे हो? नरेंदर... सरेंडर... और जी हुजूर करके नरेंद्र मोदी जी ने ट्रंप के इशारे का पालन किया.' राहुल गांधी के इस बयान के बाद सियासी माहौल गरमा गया.
बीजेपी ने क्या कहा...
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया है जो पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने भी नहीं बोला. पाकिस्तान के किसी आतंकी संगठन ने भी नहीं बोला. मौलाना मसूद अजहर ने भी नहीं बोला. हाफिज सईद ने भी नहीं बोला. इसमें किसी ने ये शब्द नहीं बोला है कि भारत ने सरेंडर किया है, बल्कि उन लोगों ने अपनी-अपनी तकलीफों का इजहार गाहे-बगाहे किया है और राहुल गांधी जब ये बोल रहे हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या आप उन नेताओं से एक कदम आगे जाना चाह रहे हैं?
त्रिवेदी का कहना था कि राहुल ने हमारी सेना का अपमान किया है. उन्होंने कहा, जो व्यक्ति चुनाव नतीजे में तीसरी बार तीन से कम अंक मिलने को सफलता मानता है और तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने वाले की हार मानता है, उसकी बुद्धि और विवेक का स्तर स्पष्ट है. मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि क्या राहुल गांधी ने सरेंडर शब्द का इस्तेमाल करके सेना का अपमान किया है या नहीं? उन्होंने ऐसा शब्द इस्तेमाल किया है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान की सेना, आतंकवादी संगठन या संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी मसूद अजहर या हाफिज सईद ने भी नहीं किया है.
त्रिवेदी ने आगे कहा, कांग्रेस ने 1947 में मुस्लिम लीग के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. 1971 में जीत के बावजूद पीओके को आत्मसमर्पण कर दिया गया था. राहुल पाकिस्तानी दुष्प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं. राहुल गांधी जी ये जान लीजिए कि आप, आपकी पार्टी और आपका खानदान के कारनामे आजाद हिंदुस्तान के कैलेंडरों में सरेंडर से भरे पड़े हैं. राहुल गांधी जी, सरेंडर कांग्रेस ने किया होगा, मगर भारत किसी के सामने सरेंडर नहीं हो सकता. हम विश्व की एक मात्र ऐसी सभ्यता हैं जो हजारों सालों के आक्रमणों के बाद भी जीवंत है, जिसे आप मानने का तैयार नहीं है. राहुल को इस बात का एहसास नहीं है कि वो इस देश के स्वाभिमान और सेना की वीरता का कितना अपमान कर रहे हैं.
बीजेपी नेता का कहना था कि राहुल गांधी ने जिस प्रकार से हमारी सेना द्वारा दिखाए गए अप्रतिम शौर्य और सेना के अधिकारियों द्वारा जिस प्रकार से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का विवरण दिया है, उसको सरेंडर से तुलना करना... ये दर्शाता है कि ये मानसिकता कितनी रोगी और कितनी खतरनाक हो चुकी है. एक तरफ भारत द्वारा भेजे गए संयुक्त संसदीय दल में तमाम विपक्षी दलों के सांसद... जिसमें कांग्रेस के सांसद भी है. वो दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के पक्ष को गंभीरता के साथ और पूरे राष्ट्र की एकजुटता के साथ रखकर वापस आ रहे हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस के स्वघोषित, स्वनामधन्य, सर्वकालीन सर्वोच्च नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी निहायत ही ओछी और स्तरहीन बातें करके यह विश्व को बता रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष का पद पाने के बाद भी उनके अंदर गंभीरता और नेता प्रतिपक्ष की परिपक्वता का घोर अभाव है. जिस तरह से राहुल गांधी ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना अधिकारियों के ब्रीफिंग की तुलना सरेंडर से की, उससे पता चलता है कि उनकी मानसिकता कितनी बीमार और खतरनाक हो गई है.
उन्होंने कहा, मैं यूपीए सरकार में सरेंडर के कुछ उदाहरण बताना चाहता हूं. 15 जुलाई 2011 को राहुल गांधी ने कहा, आतंकवाद पर पूरी तरह से नियंत्रण पाना असंभव है. यह सरेंडर था. 26/11 मुंबई हमलों के बाद यूपीए सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ समग्र वार्ता आतंकवादी गतिविधियों से प्रभावित नहीं होगी. यह भी सरेंडर था. 1971 में निर्णायक सैन्य विजय और 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के सरेंडर के बावजूद यूपीए नेतृत्व ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को क्यों सरेंडर कर दिया?
मैं आपको एक उदाहरण देता हूं कि असली सरेंडर कैसा होता है. दो साल पहले राहुल गांधी ने सवाल किया था कि यूरोप और अमेरिका में लोकतंत्र के रक्षक चुप क्यों हैं और भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप क्यों नहीं कर रहे हैं. यह सरेंडर था. अब तक उन्हें पाकिस्तान के पोस्टर बॉय के तौर पर देखा जाता रहा है, लेकिन पाकिस्तानी सेना या उनके आतंकी संगठनों ने भी ऐसी शर्मनाक टिप्पणी नहीं की है. सवाल तो बनता है. क्या वो एक कदम आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
कांग्रेस ने क्या कहा...
AICC मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और राहुल गांधी के सरेंडर वाले बयान की वीडियो चलवाया. पवन खेड़ा ने कहा, पिछले 11 सालों से भक्त एक इमेज गढ़ते रहे, लेकिन जब असली तस्वीर सामने आई तो वो 'नरेंदर का सरेंडर' निकली. बहादुरी का कोई बूस्टर शॉट नहीं होता. कांग्रेस ने फिर 'सरेंडर' की टिप्पणी दोहराई. सुधांशु त्रिवेदी के बयान पर कहा, यह देश नरेंद्र नहीं है, सेना तो बिल्कुल नहीं है. यह सरकार देश और आर्मी के पीछे छुपती रही है, लेकिन अब यह बिल्कुल नहीं चलेगा. देश का अपमान पिछले 22 दिनों में इन लोगों ने किया है. देश का अपमान तब हुआ जब ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान किया, जब किसी देश में हमारा साथ नहीं दिया.
खेड़ा ने कहा, इस शख्स की सच्चाई बस इतनी है- 'नाम नरेंदर, काम सरेंडर.' इनके संगठन का इतिहास कायरता से भरा हुआ है और जब ऐसा व्यक्ति देश का नेतृत्व करता है तो देश का भविष्य खतरे में पड़ जाता है. पिछले 22 दिन में अमेरिकी राष्ट्रपति 12 बार कह चुके हैं कि उन्होंने व्यापार की धमकी देकर सीजफायर करवाया. इन बीते दिनों में क्या आपने प्रधानमंत्री की ओर से इस पर कुछ सुना?
खेड़ा ने आगे कहा, नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल को देखेंगे तो हर बार इन्हें सरेंडर करते ही देखेंगे. ये कहते थे- काला धन लाएंगे, बेरोजगारी हटाएंगे, किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे, चीन को लाल आंख दिखाएंगे- लेकिन सरेंडर कर बैठे. चीन के नाम पर ऐसा हाल हो जाता है कि मुंह खोलते ही क्लीनचिट दे देते हैं. चीन का नाम ले नहीं पाते और उत्तर पूर्वांचल के लोगों के रंगरूप का मजाक उड़ाते हैं, गणेश जी का अपमान करते हैं. कहते हैं- गणेश जी की आंख छोटी है, खुलती नहीं है- आखिर नरेंद्र मोदी ऐसी नीति क्यों नहीं बनाते कि चीन से माल नहीं खरीदा जाएगा.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, नरेंद्र मोदी कहते हैं- ये नया भारत है, लेकिन हम कहना चाहते हैं कि आप भारत को बख्श दीजिए, देश आपका ऋणी रहेगा, क्योंकि आपकी कायरता देश की युवा पीढ़ी को सिर्फ डायलॉग सिखा रही है. हम पिछले एक महीने से पूछ रहे हैं कि देश के आत्मसम्मान के साथ ये सौदा क्यों हुआ? सीजफायर आखिर किन शर्तों पर किया गया? हाफिज सईद, अजहर मसूद जैसे आतंकी कहां हैं?लेकिन हमें पिछले एक महीने से जवाबों की जगह सिर्फ सस्ते डायलॉग सुनने को मिल रहे हैं. सवाल पूछने वाला विपक्ष देश के करोड़ों लोगों की आवाज नरेंद्र मोदी तक पहुंचा रहा है. ये वो करोड़ों लोग हैं, जो आपके विदेशी दौरों का खर्च उठाते हैं.
'ये देश 140 करोड़ लोगों का...'
कांग्रेस का कहना था कि जो लोग कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के सरेंडर का मतलब है- भारत का सरेंडर करना... वो ठीक से समझ लें- ये देश 140 करोड़ लोगों का है, ये सबका उतना ही है, जितना नरेंद्र मोदी का है. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन वो देश नहीं हैं. BJP के लोग पिछले 11 साल से एक फिल्म बना रहे थे- 'मुकद्दर का सिकंदर'. लेकिन जब फिल्म बनकर तैयार हुई तो वो- 'नरेंदर का सरेंडर' निकली.
उन्होंने कहा, दरअसल, बहादुरी का कोई इंजेक्शन नहीं होता, बल्कि वह इंसान के चरित्र में होती है. BJP-RSS के लोगों का इतिहास ही कायरता का रहा है. जब ऐसा व्यक्ति देश की बागडोर संभालता है तो देश का भविष्य खतरे में आ जाता है, जो हम वर्तमान में देख भी रहे हैं. जब बहादुर भारतीय सेना ने पाकिस्तान की गर्दन दबोच रखी थी, तभी ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र मोदी सरेंडर कर गए. ट्रंप ने कई बार कहा कि हमने व्यापार की धमकी देकर सीजफायर कराया, लेकिन नरेंद्र मोदी ने आजतक ट्रंप का जवाब नहीं दिया. ये जवाब देंगे भी नहीं, क्योंकि नाम नरेंदर, काम सरेंडर- ये असलियत और हकीकत है. इनका इतिहास ही कायरता का है. 10 मई की दोपहर को जब हमारी सेना ने पाकिस्तान की गर्दन दबोच ली थी, तभी ट्रंप का कॉल आता है, नरेंद्र सरेंडर, और यह मिमियाते सरेंडर हो गए.
जब इन्हें डोनाल्ड ट्रंप का कॉल आया होगा, तब इनकी बॉडी लैंग्वेज क्या रही होगी. पिछले कुछ दिनों में ट्रंप 11-12 बार बोल चुके हैं कि मैंने युद्ध रुकवाया. क्योंकि नाम नरेंदर, काम सरेंडर. हम पूछ रहे हैं कि पहलगाम हमले के आरोपी कहां हैं, दाऊद कहां हैं. सीजफायर तो भाग भाग कर रहे हैं, इन सवालों का क्या हुआ. यह रैलियों के प्रेम चोपड़ा चुप हैं. पीएम देश नहीं हो सकते. कुछ दिन पहले चीन की बात कर रहे थे, लेकिन चीन शब्द एक बार नहीं निकला. मोदी कैबिनेट में एक मंत्री हैं, पराजय शंकर. जब भी बोलते हैं, ट्रॉल हो जाते हैं. भाई आप होंगे पराजय शंकर, यह देश नहीं है.
उन्होंने कहा, मोदी सरकार में देश के अंदर सारी नीतियां ट्रोल्स चला रहे हैं और देश के बाहर की विदेश नीति एक ऐसा व्यक्ति चला रहा है, जो सरेंडर करके बैठा है. भारत की सीमा से महज 12 किलो मीटर दूर बांग्लादेश के एक पुराने एयरबेस को चीन अपग्रेड कर रहा है. नरेंद्र मोदी की ऐसी विदेश नीति है कि संकट की घड़ी में एक भी देश भारत के साथ नहीं खड़ा था. हालात ये हैं कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद कुवैत ने पाकिस्तान पर से वीजा रिस्ट्रिक्शन हटा दी. कुवैत में 21% भारतीय आबादी है, कुवैत में 30% श्रमिक भारत के हैं. लेकिन 'ऑपरेशन सिंदूर' और ट्रंप के बयान के बाद कुवैत और पाकिस्तान श्रमिकों से जुड़ा MoU साइन कर रहा है. ये नरेंद्र मोदी की सरेंडर नीति है. बहादुर सेना, बहादुर देश, सारा विपक्ष आपके साथ खड़ा था... लेकिन प्रधानमंत्री अमेरिका के दबाव में घुटनों पर आ गए. इनके एक फैसले से सभी को चौंका दिया, इसलिए कहते हैं- 'नाम नरेंदर, काम सरेंडर'.