वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक फील्ड मार्शन सैम मानेकशॉ को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का मुद्दा आज संसद में उठा. क्या उनको भारत रत्न मिलने जा रहा है, जानें क्या कहा सरकार ने संसद में
भाजपा सांसद की मांग
भाजपा के सांसद राजीव चंद्रशेखर ने संसद में सरकार से सवाल किया कि क्या फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने कोई विचार है?
गृह मंत्रालय का जवाब
चंद्रशेखर के सवाल का जवाब गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नियमित सुझाव दिए जाते रहते हैं, यद्यपि कोई आधिकारिक पुरस्कार अनिवार्य नहीं है. इस संबंध में समय-समय पर निर्णय लिया जाता है.
कौन हैं मानेक शॉ
फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक हैं. इस युद्ध में भारत ने उनके नेतृत्व में विजय हासिल की थी. इसी के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था. वह भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे जिन्हें ‘फील्ड मार्शल’ के पद पदोन्नत किया गया था.
बांग्लादेश सीमा पर भी बात
राज्यसभा में आज भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और बाड़ लगाने के मुद्दों पर भी बात हुई. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन को जानकारी दी कि दोनों देश की सीमाओं पर घुसपैठ की घटना में कमी आई है. इसी के साथ दोनों देश की कुल सीमा के 76% पर बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है. करीब 319 किलोमीटर की सीमा पर भौगोलिक परिस्थितियों के चलते बाड़ लगाने काम नहीं किया जा सकता है.
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