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SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने PM मोदी को लिखा पत्र, नदियों के पानी के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख ने पीएम को लिखा पत्र में लिखा, 'ये मुद्दा नदी के पानी पर हमारे राज्य के साथ लगातार हो रहे अन्याय से जुड़ा है. गैर तटीय राज्य हरियाणा द्वारा पंजाब की नदी जल पर बढ़ती और पूरी तरह से तर्कहीन मांगों ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.'

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सुखबीर सिंह बादल. (फाइल फोटो)
सुखबीर सिंह बादल. (फाइल फोटो)

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब की नदियों के पानी के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और कहा कि हमारे राज्य के साथ अन्याय हो रहा है. उन्होंने इस मुद्दे को सीमावर्ती राज्य के लोगों के खिलाफ लूट करार दिया है.

अकाली दल के प्रमुख ने पीएम को लिखा पत्र में लिखा, ये मुद्दा नदी के पानी पर हमारे राज्य के साथ लगातार हो रहे अन्याय से जुड़ा है. गैर तटीय राज्य हरियाणा द्वारा पंजाब की नदी जल पर बढ़ती और पूरी तरह से तर्कहीन मांगों ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. 

उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा कि दरअसल, इसे नदी जल विवाद कहना गलत है क्योंकि ये हमारे प्राकृतिक संसाधनों की लूट है. पहले से ही, राजस्थान और हरियाणा को पंजाब के एकमात्र प्राकृतिक संसाधन नदी जल का अवैध लाभार्थी बना दिया गया है जो कि नदी जल आवंटन पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में लागू होने वाले एकमात्र सिद्धांत, रिपेरियन सिद्धांत का उल्लंघन है. न तो हरियाणा और न ही राजस्थान रिपेरियन राज्य है.

'न्यायिक मोर्चे पर भी हमारे साथ हुआ बुरा व्यवहार'

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उन्होंने कहा कि न्यायिक मोर्चे पर भी हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया है. इसे साबित करने के लिए सिर्फ़ एक उदाहरण ही काफ़ी है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को सतलुज यमुना लिंक नहर का निर्माण शुरू करने का आदेश दिया, जबकि संबंधित नदियों में पानी की उपलब्धता का पता भी नहीं लगाया गया था. ये दुनिया की पहली नहर होती, जिसका निर्माण बिना ये जाने किया गया कि इसमें बहने के लिए पानी उपलब्ध है या नहीं. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल ने इस आदेश को लागू करने से साफ़ इनकार कर दिया और कहा कि ये लागू करने योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि पंजाब के न्यायपूर्ण अधिकारों से समझौता करने के बजाय वे जेल जाना पसंद करेंगे.

हरियाणा ले चुका है अपने हिस्से का पानी

SAD प्रमुख ने दावा किया कि इस साल हरियाणा ने पहले ही अपने हिस्से का पूरा पानी इस्तेमाल कर लिया है, जो उसे गलत तरीके से आवंटित किया गया था, क्योंकि उस पानी पर उसका कोई अधिकार नहीं है. पंजाब के प्रति आभार जताने के बजाय, वह बेशर्मी से और भी अधिक पानी की मांग कर रहा है.

उन्होंने कहा कि नदी का पानी हमारी जीवन रेखा है. नदी के पानी के मुद्दे पर पंजाब के साथ भेदभाव और अन्याय पंजाब की समस्या का मुख्य कारण था, जिसके कारण पंजाब के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों के देशभक्त लोगों को 1980 और 90 के दशक में इतनी भारी और दर्दनाक कीमत चुकानी पड़ी.

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शिरोमणि अकाली दल ने इस भेदभाव का लगातार विरोध किया है. इसने 1982 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में कपूरी में एसवाईएल नहर की खुदाई शुरू करने के इंदिरा गांधी के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोला था, जो बाद में राज्य के मुख्यमंत्री बने.

पीएम से की हस्तक्षेप की अपील

उन्होंने पीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस तरह के किसी भी अन्याय को रोकने के लिए और हमारे सीमावर्ती राज्य के खिलाफ अन्य क्षेत्रों में पहले से किए गए भेदभाव को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाए और इस मामले में हस्तक्षेप करें.

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