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रामजीलाल सुमन पर हमले के विरोध में सपा का प्रदेशव्यापी आंदोलन, 1 मई को हर जिले में होगा प्रदर्शन

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन पर हुए हमले को लेकर समाजवादी पार्टी पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालय पर 1 मई को प्रदर्शन करेगी, और राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन सौंपेगी. बीते दिनों सपा सांसद बुलंदशहर जा रहे थे, जब करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर हाईवे पर हमला किया था.

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एमपी रामजीलाल सुमन के काफिले को बनाया गया था निशाना
एमपी रामजीलाल सुमन के काफिले को बनाया गया था निशाना

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर शनिवार को कथित तौर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया था. घटना के दौरान सांसद का काफिला अलीगढ़ से गुजर रहा था, जब प्रदर्शनकारियों ने उन पर टायर और पत्थर फेंका था. अब समाजवादी पार्टी ने राज्यभर में जिला मुख्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है. सपा कार्यकर्ता 1 मई को सड़क पर उतरेंगे और हमले का विरोध करेंगे.

हालिया हमला, सांसद रामजीलाल सुमन के संसद में दिए गए बयानों की वजह से किया गया था, जिसमें उन्होंने 16वीं सदी के राजपूत राजा राणा सांगा के बारे में टिप्पणी करते हुए उन्हें "गद्दार" बताया था. उनका यह बयान तब आया जब उन्होंने राणा सांगा पर बाबर की मदद से इब्राहीम लोधी को हराने के लिए सहयोग मांगने का आरोप लगाया.

यह भी पढ़ें: करणी सेना ने दिखाए काले झंडे, गाड़ी पर फेंके टायर... अलीगढ़ में SP सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर हमला

राजपूत समुदाय, बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों ने उनके इस बयान की आलोचना की. करणी सेना ने इसे राजपूत स्वाभिमान और हिंदू भावनाओं का अनादर बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई है.

सांसद के काफिले पर टायर, पत्थर फेंके गए थे

सांसद पर अलीगढ़ में हाईवे पर हुए हमले का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें देखा गया था कि कि प्रदर्शनकारी काले रूमाल लहरा रहे थे और टायर और पत्थर फेंकते हुए "मुर्दाबाद", "वंदे मातरम", "जय भवानी" और "जय राजपूताना" जैसे नारे लगा रहे थे. इस वजह से बताया गया कि काफिले की कई गाड़ियां टकरा गईं, जिससे कई गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ था.

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सांसद सुमन ने बाद में स्पष्ट किया कि उनके बयान ऐतिहासिक संदर्भों पर आधारित थे और किसी की भावना आहत करने का इरादा नहीं था.

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सपा प्रमुख ने दी थी कड़ी चेतावनी

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना की निंदा की थी और इसे 'घातक' और 'अपराधपूर्ण हरकत' करार दिया था. उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसे "खुफिया तंत्र की भारी चूक या जानबूझकर की गई लापरवाही" बताया था और आरोप लगाया था कि सरकार बढ़ते अपराधों पर जानबूझकर आंखें मूंद रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि "अराजकता किसी को नहीं बख्शती," और कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगियों को भी जल्द इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.

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