
जम्मू कश्मीर के में 5 जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए. राजौरी में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में ये जवान शहीद हो गए. इनमें दो कैप्टन भी थे. वहीं, जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने लश्कर के दो आतंकियों को भी ढेर कर दिया.
राजौरी में दरमसाल के बाजीमल इलाके में 36 घंटे चली इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर भी शामिल है. इस पाकिस्तानी आतंकी ने अफगानिस्तान में ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद दहशत फैलाने के लिए बॉर्डर के रास्ते भारत में घुसपैठ की थी.
आतंकियों के साथ फायरिंग बुधवार को शुरू हुई थी. लेकिन बुधवार रात को इलाके को चारों तरफ से घेरकर फायरिंग बंद कर दी गई थी. गुरुवार सुबह आतंकियों ने फिर फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए. मारे गए लश्कर कमांडर की पहचान कारी के तौर पर हुई है.
कौन था कारी?
कारी पाकिस्तानी नागरिक और हार्डकोर आतंकी था. उसकी ट्रेनिंग पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हुई. वह लश्कर का हाईरैंक आतंकी था. कारी पिछले एक साल से अपने साथियों के साथ राजौरी-पुंछ में एक्टिव था, वह डांगरी और कांडी में हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था. पाकिस्तान के द्वारा कारी को घाटी में आतंकवाद को पुनजीवित करने के लिए भेजा गया था. कारी IED एक्सपर्ट था. वह ट्रेन्ड स्निपर था और घने जंगल में छिपता था और साजिश के तहत हमले के अंजाम देता था.
5 जवान हुए शहीद
मुठभेड़ के दौरान बुधवार को चार आर्मी जवान शहीद हो गए थे. इनमें दो कैप्टन भी थे. जबकि एक मेजर और जवान जख्मी हो गए थे. दोनों का इलाज आर्मी कमांड हॉस्पिटल उधमपुर में चल रहा है. इस ऑपरेशन में शहीद हुए अफसरों और जवानों मे कैप्टन एमवी प्रांजल (मैंगलोर, कर्नाटक), कैप्टन शुभम गुप्ता (आगरा, यूपी), हवलदार अब्दुल माजिद (पुंछ, जम्मू कश्मीर), लांस नायक संजय बिस्ट (उत्तराखंड) और पैराट्रूपर सचिन लौर (अलीगढ़, यूपी ) शामिल हैं.
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने ट्वीट कर कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर रविवार को राजौरी के गुलाबगढ़ जंगल के कालाकोट इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था. 22 नवंबर को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग हुई. इसमें आतंकवादी घायल हो गए थे, इन्हें सुरक्षाबलों ने घेर रखा था. लेकिन सेना की परंपराओं का ध्यान रखते हुए ऑपरेशन के दौरान महिलाओं और बच्चों को बचाने की कोशिश में इन जवानों ने बलिदान दे दिया.
कैप्टन एमवी प्रांजल
राजौरी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों में कैप्टन एमवी प्रांजल भी शामिल हैं. कैप्टन प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले सेना के अफसर कैप्टन प्रांजल सिर्फ 28 के थे. वे Manglore Refinery के पूर्व MD वेंकटेस के इकलौते बेटे थे. प्रांजल की शादी दो साल पहले बेंगलुरु की अदिति से हुई थी. शादी से कुछ समय पहले ही उनकी तैनाती कश्मीर में हुई थी.

कैप्टन शुभम गुप्ता
आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी राजौरी एनकाउंटर में शहीद हो गए. कैप्टन शुभम के पिता बसंत गुप्ता आगरा में डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट काउंसलर जिला अदालत में है. परिवारवाले इस वर्ष शुभम की शादी की तैयारियों में थे. इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई. शुभम के शहीद होने की खबर जैसे ही सेना की ओर से शुभम के परिजनों को दी गई तो घर में शोक की लहर दौड़ गई. शुभम की मां बेसुध हो गईं. पिता पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा.

हवलदार अब्दुल माजिद
इस ऑपरेशन में जम्मू कश्मीर के अब्दुल माजिद भी शहीद हुए हैं. माजिद एक पैरा कमांडो थे. उनका परिवार एलओसी पर जीरो-लाइन और सीमा बाड़ के बीच स्थित अजोट गांव में रहता है. माजिद की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई. माजिद की पत्नी और तीन बच्चे भी हैं. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. हालांकि, परिजनों को बेटे की शहादत पर गर्व है. माजिद के भाई भी जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जेकेएलआई) के सैनिक थे, जो वर्ष 2017 में पुंछ के एक इलाके में शहीद हुए थे.
लांस नायक संजय बिष्ट
आतंकियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के संजय बिष्ट की शहीद हो गए. वे 19 कुमाऊं पैरा में तैनात थे. बिष्ट रामगढ़ के हली गांव के रहने वाले थे. अभी उनकी अभी शादी नहीं हुई थी. संजय की शहादत की खबर सुनते ही उनके परिवार में मातम पसर गया. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. संजय 2012 में सेना में भर्ती हुए थे. उनके घर में पिता दीवान सिंह, मां मंजू, बहन ममता और भाई हैं.

पैरा ट्रूपर सचिन लौर
इस मुठभेड़ में अलीगढ़ के जवान सचिन भी शामिल हैं. सचिन की कुछ दिन बाद ही शादी थी. सचिन के अलावा परिवार में बड़े भाई और माता पिता हैं. सचिन की शहादत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया. सचिन के पिता किसान हैं.

राजौरी- पुंछ में जारी हैं आतंकी वारदातें
इससे पहले 20 अप्रैल और 5 मई को पुंछ के मेंढर इलाके और राजौरी के कांडी जंगल में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमलों में 10 जवान शहीद हो गए थे. अधिकारियों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ और पास के रियासी जिले में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 46 लोग मारे गए हैं.
राजौरी में आतंकी हमलों में 9 जवान और 7 नागरिकों की मौत हुई है. जबकि जवाबी कार्रवाई में 7 आतंकी भी मारे गए. वहीं, पुंछ में इस साल 15 आतंकी ढेर हुए हैं. जबकि 5 जवान भी शहीद हुए हैं. रियासी जिले में 3 आतंकी मारे गए.