ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज INS विक्रांत का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना के अदम्य साहस को सलाम किया और साथ ही पाकिस्तान को भी खरी-खरी सुनाई.
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के हक में यही बात होगी कि वह अपनी जमीन पर चल रही आतंकवाद की नर्सरी को अपने ही हाथों से उखाड़ फेंके. इसकी शुरुआत उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों को भारत को सौंपने से करनी चाहिए. ये दोनों ने केवल भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की सूची में है बल्कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की लिस्ट में भी है.
उन्होंने कहा कि हाफिज सईद मुंबई हमले का गुनहगार है. समंदर के रास्ते मुंबई में मौत बरसाने का जो गुनाह उसके संगठन ने किया है, उसका इंसाफ होना चाहिए. ये काम पाकिस्तान में नहीं हो सकता. मुंबई हमले के एक आरोपी तहव्वुर राणा को पिछले दिनों भारत लाया गया था. पाकिस्तान की ओर से बार-बार बातचीत की पेशकश की जा रही है. कल ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फिर ये बात दोहराई है कि अगर भारत ने साफ कह रखा है कि बात होगी, तो आतंकवाद पर होगी. पीओके पर होगी. अगर पाकिस्तान बातचीत को लेकर गंभीर है तो उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों को भारत को सौंपना होगा ताकि इंसाफ किया जा सके.
INS विक्रांत पहुंचकर क्या बोले राजनाथ सिंह?
राजनाथ सिंह ने कहा कि ये रोचक बात है कि पाकिस्तान भी भारतीय नौसेना के शौर्य से भलीभांति वाकिफ है. पाकिस्तान को पता है कि जब भारतीय नौसेना पूरे जोर से चलती है तो उसका अंजाम क्या होता है. 1971 इसका गवाह है जब भारतीय नौसेना हरकत में आई थी तो पाकिस्तान एक से दो हो गया था. अगर ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना अपने फॉर्म में आई होती तो पाकिस्तान के दो टुकड़े नहीं होते बल्कि मैं समझता हूं कि शायद चार टुकड़े हो जाते.
रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि आप अपनी तैयारियों में कोई कमी न रखें. अब तक जो हुआ वह तो वॉर्मअप था. अगर पाकिस्तान फिर से कोई जुर्रत करता है तो इस बार नैवी भी हरकत में आएगी और फिर भगवान ही जानता है कि पाकिस्तान का क्या होगा.
उन्होंने कहा कि जरा सोचिए कि जो खामोश रहकर भी किसी देश की फौज को बोतल में बंद रख सकता है, वह जब बोलेगा तो क्या नजारा होगा? इस बार तो पाकिस्तान को भारतीय नौसेना की फायर पावर का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन दुनिया जानती है कि अगर पाकिस्तान ने इस बार कोई नापाक हरकत की तो हो सकता है कि इस बार ओपनिंग भी हमारी नेवी के हाथों से ही हो. पाकिस्तान को यह समझ लेने की जरूरत है कि आतंकवाद के जिस खतरनाक खेल को वह आजादी के समय से खेलता आ रहा है, उसकी मियाद अब खत्म हो चुकी है. अब जब भी पाकिस्तान भारत के खिलाफ किसी आतंकी हरकत को शह देगा, तो न केवल उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा बल्कि हर बार की तरह उसे मात का भी सामना करना पड़ेगा.