केंद्र सरकार ने चीन बॉर्डर पर अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए हेली पैड, रोड़, ब्रिज जैसे कई अहम ढांचों का निर्माण किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लद्दाख में दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग (डीएस-डीबीओ) पर आयोजित एक समारोह में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया.
मालूम हो कि दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग (डीएस-डीबीओ) 2020 में भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध की एक बड़ी वजह थी. चीनी सेना ने इस सड़क निर्माण का विरोध किया था, क्योंकि इसके जरिए भारतीय सेना तुरंत बॉर्डर तक पहुंच सकती है.
45 पुल,27 सड़कें, दो हेलीपैड बनाए गए
75 परियोजनाओं में 45 पुल, 27 सड़कें, दो हेलीपैड और एक कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट शामिल हैं. इनमें से अधिकांश परियोजनाएं बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देंगी और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दुश्मन को तुरंत जवाब देने के लिए बेहतर पहुंच प्रदान करेंगी.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये परियोजनाएं छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं. इनमें से जम्मू और कश्मीर में 20, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 18, उत्तराखंड में 5 और अन्य सीमावर्ती राज्यों सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में 14 परियोजनाएं हैं.
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं का निर्माण बीआरओ ने रिकॉर्ड समय में 2,180 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया है."
14 हजार फुट की ऊंचाई पर बना श्योक पुल
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य आकर्षण डी-एस-डीबीओ रोड पर 14,000 फुट की ऊंचाई पर 120 मीटर लंबे क्लास 70 श्योक सेतु का उद्घाटन था. इस पुल का सामरिक महत्व होगा क्योंकि यह सशस्त्र बलों के लिए लॉजिस्टिक्स मूवमेंट की सुविधा देगा. इसके अलावा, पूर्वी लद्दाख के हनले और थाकुंग में एक-एक हेलीपैड, इस क्षेत्र में भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाएंगे.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अपने कर्मचारियों के लिए 19,000 फुट की ऊंचाई पर लद्दाख के हेनले में बीआरओ के पहले कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट का भी उद्घाटन किया गया है.
लद्दाख में बनाया गया कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट
मंत्रायल ने कहा कि बीआरओ ने लद्दाख को देश का पहला कार्बन न्यूट्रल केंद्र शासित प्रदेश बनने देने की दिशा में प्रयास किया है. इस हैबिटेट परिसर की खासियत यह है कि यहां 57 कर्मियों के लिए आवास और कड़ाके की ठंड में भी उनके आराम की व्यवस्था रहेगी. इससे बीआरओ सर्दियों के दौरान भी आराम से काम कर पाएगा.
बुनियादी ढ़ाचे न होने से कश्मीर में बढ़ा आतंकवाद
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ संपर्क सरकार के फोकस क्षेत्रों में से एक है. उन्होंने कहा- “स्वतंत्रता के बाद दशकों से जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे के विकास की कमी केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद के बढ़ने के कारणों में से एक थी. इन आंतरिक गड़बड़ियों के कारण ही पर्यटकों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है, जिसने लद्दाख और पूरे देश को प्रभावित किया है.
उन्होंने कहा कि अब सरकार के प्रयासों से ये क्षेत्र शांति और प्रगति की एक नई राह देख रहे हैं. हमारा उद्देश्य देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विकास को जारी रखना है. जल्द ही सभी दूरदराज के इलाकों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाएगा और हम सब मिलकर देश को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. इस उद्देश्य को प्राप्त करने में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका है.