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फीस नहीं चुकाने पर छात्र को निजी स्कूल ने बनाया बंधक, पिता ने दर्ज कराया केस 

पश्चिम बंगाल के एक निजी स्कूल ने छठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे को फीस नहीं चुका पाने की वजह से स्कूल में बंधक बना लिया. उसके माता-पिता अगस्त 2022 से मासिक ट्यूशन फीस का भुगतान नहीं कर पाए थे. हालांकि, पिता ने 10 दिनों में फीस भरने का वादा किया था. अब इस मामले में पिता ने केस दर्ज कराया है.

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पिता ने कहा कि स्कूल अधिकारियों ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए उनके बेटे को रोक लिया था.
पिता ने कहा कि स्कूल अधिकारियों ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए उनके बेटे को रोक लिया था.

पश्चिम बंगाल के एक निजी स्कूल ने छठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे को स्कूल में बंधक बना लिया. दरअसल, स्कूल की तरफ से रिमांडर भेजने के बाद भी उसके माता-पिता अगस्त 2022 से मासिक ट्यूशन फीस का भुगतान नहीं कर पाए थे. इसके चलते 12 साल के छात्र मानव सचदेवा को स्कूल में ही रोक लिया गया था. 

छात्र के पिता विक्की सचदेवा ने इंडिया टुडे को बताया, “मेरा बेटा हुगली जिले के उत्तरपारा में कॉलोनी फैक्ट्री में बने हिंद मोटर एजुकेशन स्कूल में पढ़ता है. स्कूल से फीस के बारे में सूचना मिलने के बाद मैंने बकाया फीस का भुगतान 10 दिनों के भीतर करने का वादा किया था. इसके बावजूद स्कूल ने आज मेरे नाबालिग बेटे को बंधक बना लिया.”

बिना किसी पूर्व सूचना के बच्चे को रोका गया 

विक्की ने कहा कि वह स्कूल प्रशासन के "अमानवीय" व्यवहार से व्यथित हैं. उन्होंने आगे बताया, "स्कूल प्रशासन ने मुझे फीस के पेमेंट के बारे में सूचित करने के लिए बुलाया. मैंने जवाब दिया कि मैं ऑफिस में होने के कारण तुरंत नहीं आ पाऊंगा. मगर, मैंने इस तथ्य माना कि ट्यूशन फीस बकाया थी और नवंबर के अंत तक उन्हें पेमेंट करने की बात कही थी." 

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नाराज पिता ने कहा, “स्कूल अधिकारियों ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए उनके बेटे को स्कूल में रोक लिया था. स्कूल से किसी ने भी मुझे यह बताने के लिए फोन नहीं किया कि फीस नहीं चुकाने की वजह से मेरे बेटे को स्कूल के बाहर जाने से रोक दिया गया था. अधिकारियों से बात करने के बाद भी वे मेरे बेटे को कैसे हिरासत में ले सकते हैं. जब मैंने स्कूल अधिकारियों से बात कर ली थी, तो वेरे मेरे बेटे को कैसे बंधक बना सकते हैं.” 

पिता ने दर्ज कराया स्कूल के अधिकारियों के खिलाफ केस 

स्कूल की दो बजे छुट्टी हो जाती है. लेकिन मेरा बेटा शाम छह बजे तक घर नहीं आया. हमें चिंता हो रही थी और हम बच्चे की तलाश कर रहे थे. तब कार पूल के ड्राइवर ने मुझे फोन करके कहा कि क्या मैं अपने बेटे को स्कूल से ला सकता हूं. इसके बाद हमें पता चला कि बच्चे को क्यों रोका गया था. इस मामले में पिता विक्की ने उत्तरपारा पुलिस थाने में स्कूल के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

स्कूल प्रशासन ने पिता के आरोपों से किया इनकार 

इस मामले में स्कूल प्रशासन ने बच्चे के पिता के आरोपों से इनकार किया. प्रिंसिपल सोनिता रॉय ने दावा किया कि स्पष्ट निर्देश के बावजूद फीस नहीं दी गई. इसके बावजूद स्कूल ने बच्चे को अगस्त से नवंबर तक क्लास में बैठने की इजाजत दी. हालांकि, अगर उन्हें फीस का भुगतान करने में कोई समस्या थी, तो उन्हें हमसे संपर्क करना चाहिए था." 

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सुप्रीम कोर्ट दे चुका है फैसला, ऐसा करना है अपराध  

कलकत्ता उच्च न्यायालय की अधिवक्ता रंदिता पॉल ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई 2021 को इस बारे में एक फैसला दिया था. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि छात्रों की समय पर फीस का भुगतान नहीं होने के मामले में स्कूलों को कानूनी कार्रवाई करने की इजाजत है. वहीं फीस नहीं चुकाने पर बच्चे को स्कूल के बाद बंधक बनाकर रखना न केवल अनैतिक है, बल्कि IPC, 1860 की धारा 340 के तहत अपराध भी है. 

उन्होंने आगे बताया, "जब कोई अभिभावक फीस नहीं चुका पाता है, तो इसका दायित्व उन पर होता है. नतीजतन स्कूल बच्चे को आगे की कक्षाओं में बैठने या परीक्षा देने से रोक सकता है. मगर, कभी भी ऐसे बच्चे को बंधक नहीं बना सकता है, जिसकी कोई गलती ही नहीं है. 

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