scorecardresearch
 

जस्टिस एनवी रमणा होंगे 48वें चीफ जस्टिस, 24 अप्रैल को लेंगे शपथ

जस्टिस एनवी रमणा देश के 48वें चीफ जस्टिस होंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार सुबह उनके नाम को मंजूरी दे दी. जस्टिस रमणा 24 अप्रैल को चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे. वो अगस्त 2022 तक इस पद पर बने रहेंगे.

Advertisement
X
जस्टिस रमणा का कार्यकाल दो साल से भी कम रहेगा. (फाइल फोटो-PTI)
जस्टिस रमणा का कार्यकाल दो साल से भी कम रहेगा. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जस्टिस रमणा के नाम को राष्ट्रपति की मंजूरी
  • 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं सीजेआई एसए बोबड़े

भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमणा होंगे. मंगलवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम को मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति की मंजूरी का लेटर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा दिया गया है. मौजूदा चीफ जस्टिस एसए बोबड़े 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं. 24 अप्रैल को जस्टिस एनवी रमणा देश के 48वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में जस्टिस रमणा को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाएंगे.

दो साल से भी कम वक्त तक CJI रहेंगे जस्टिस रमणा
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रमणा का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक है. यानी वो दो साल से भी कम समय के लिए CJI के पद पर रहेंगे. वरिष्ठता के मामले में फिलहाल वो सुप्रीम कोर्ट में दूसरे स्थान पर हैं. जस्टिस एनवी रमणा सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई के बाद सबसे सीनियर जज हैं. वो आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज होंगे जो सीजेआई बनेंगे. 24 अप्रैल को शपथ ग्रहण कर जस्टिस रमणा 26 अगस्त 2022 तक देश के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे.

कौन हैं जस्टिस रमणा? 
आंध्र प्रदेश में 27 अगस्त, 1957 को कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में किसान परिवार में पैदा हुए नातुलापति वेंकट रमणा ने विज्ञान और कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की. इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की.

Advertisement

रमणा ने 10 फरवरी 1983 को वकील के रूप में न्यायिक करियर शुरू किया. 27 जून 2000 को वो आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए. उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया. न्यायाधीश रमणा को दो सितंबर 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया.

17 फरवरी 2014 को वो दिल्ली हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए. यहां वो कई चर्चित और अहम मुकदमों की सुनवाई करने वाली पीठ की अगुआई की या फिर पीठ के सदस्य रहे. इनमें इंटरनेट के जरिए सूचना पाने के अधिकार को मौलिक अधिकारों के दर्ज में शामिल करना अहम है. 

 

Advertisement
Advertisement