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ऑपरेशन सिंदूर के बाद डिफेंस वैगन के आंकड़ों में विसंगति, रेलवे बोर्ड ने लिया गिनती करवाने का फैसला

रेलवे बोर्ड में 23 मई 2025 को मिलरेल के कार्यकारी निदेशक के साथ हुई मीटिंग में पता चला कि मिलरेल वैगनों की संख्या के संबंध में 'भारतीय रेलवे माल ढुलाई रखरखाव प्रबंधन' में उपलब्ध आंकड़ों और मिलरेल कार्यालय में उपलब्ध आंकड़ों में फर्क है.

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रेलवे करवाएगा डिफेंस वैगन की गिनती (Representative Image/File)
रेलवे करवाएगा डिफेंस वैगन की गिनती (Representative Image/File)

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद डिफेंस वैगंस की सही तादाद का पता लगाने के लिए की गई एक्सरसाइज के दौरान, रेलवे बोर्ड को ऑनलाइन वैगन मैनेजमेंट सिस्टम और फिजिकल रिकॉर्ड के बीच गलतियां पाई गई हैं. इसके बाद 15 और 16 जुलाई को गिनती करने का फैसला लिया गया है.डिफेंस वैगन विशेष रूप से रक्षा कर्मियों, उपकरणों और अन्य आपूर्ति के परिवहन के लिए डिज़ाइन किए गए डिब्बे होते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के करीबएक पखवाड़े बाद, रेलमिल (सेना मुख्यालय में स्थित रेल मंत्रालय की एक विशेष शाखा) और मंत्रालय के अधिकारियों ने देश भर में विभिन्न जगहों पर रखे गए डिफेंस वैगनों की कुल संख्या का पता लगाने के लिए एक बैठक की.

मीटिंग में लिया गया फैसला

रेलवे बोर्ड में 23 मई 2025 को मिलरेल के कार्यकारी निदेशक के साथ हुई मीटिंग में पता चला कि मिलरेल वैगनों की संख्या के संबंध में 'भारतीय रेलवे माल ढुलाई रखरखाव प्रबंधन' में उपलब्ध आंकड़ों और मिलरेल कार्यालय में उपलब्ध आंकड़ों में फर्क है. रेल मंत्रालय द्वारा 10 जुलाई, 2025 को सभी जोनों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है.

इसमें आगे कहा गया है, "इस आंकड़े का मिलान करने के लिए इंडियन रेलवे और रक्षा साइडिंग में मिलरेल वैगनों की एक जनगणना कराने का फैसला लिया गया है."

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सर्कुलर में कहा गया है कि गिनती 15 जुलाई 2025 से शुरू होगी और 16 जुलाई 2025 तक पूरी हो जानी चाहिए. गिनती प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए, मंत्रालय ने कहा है, "इस प्रोसेस में अन्य बातों के अलावा, सड़क किनारे/सिक लाइनों/कार्यशालाओं में पड़े वैगन, यार्ड/साइडिंग में पड़े वैगन या अन्य टुकड़ों में बिखरे वैगन शामिल होंगे, जिनकी लंबे वक्त से जांच नहीं हुई है." 

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत नौसेना की ताकत बढ़ाने में जुटा, MDL का बड़ा विस्तार

मंत्रालय ने हर रेल मंडल से ऑपरेटिंग और कैरिज एवं वैगन विभागों के अधिकारियों की कई संयुक्त टीमें बनाने की गुजारिश की है, जिससे वे सभी स्टेशनों, यार्डों, कार्यशालाओं, साइडिंग और अन्य स्थानों का दौरा कर सकें, जहां वैगन रखे हो सकते हैं.

सर्कुलर में कहा गया है, "मिलरेल रक्षा साइडिंग में पड़े वैगनों के वेरिफिकेशन की व्यवस्था करेगा, जहां रेलवे कर्मचारियों को जाने की अनुमति नहीं है." इसके साथ ही, डिफेंस वैगनों की डीटेल्स अपलोड करने के लिए IRFMM ऐप डाउनलोड करने और रजिस्टर करने की प्रक्रिया भी बताई गई है.

मंत्रालय ने टीम के सदस्यों को सलाह दी है कि वे उन वैगनों की डीटेल्स भी जोड़ें, जो वैगन मास्टर का हिस्सा नहीं हैं. इसके साथ ही, अगर कुछ वैगन डीटेल्स गलत हैं, जिसके वे सही कर सकते हैं.

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