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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पुरी में हाई अलर्ट... जगन्नाथ मंदिर में सख्त की गई सुरक्षा व्यवस्था

भारत-पाकिस्तान में तनाव के बीच पुरी जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है. यहां मंदिर परिसर में 150 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है और रथ यात्रा की तैयारियों के दौरान पूरी जगह पर कड़ी जांच और ब्लॉकिंग की जा रही है. इस साल 27 जून को होने वाली रथ यात्रा को लेकर मंदिर प्रशासन ने पहले ही सुरक्षा और व्यवस्थाओं को मजबूत करने की योजना बनाई है.

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मंदिर में सख्त की गई सुरक्षा व्यवस्था. (Screengrab)
मंदिर में सख्त की गई सुरक्षा व्यवस्था. (Screengrab)

ओडिशा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. यहां लगभग 150 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए पुरी में सुरक्षा व्यवस्था को चौकस रखा गया है. खासकर मंदिर क्षेत्र में कड़ी चेकिंग और ब्लॉकिंग की जा रही है.

पुरी में सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेते हुए पुरी के जिला प्रशासन ने रथ यात्रा की तैयारियों के साथ-साथ मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चूंकि यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, इसलिए सुरक्षा का खास तौर पर ध्यान रखा जा रहा है.

पुरी में श्री जगन्नाथ के प्रसिद्ध रथ यात्रा की तैयारियां भी जोरों पर हैं, और इस साल यह यात्रा 27 जून को आयोजित की जाएगी. रथ यात्रा की परंपरा के अनुसार, इस दिन महाप्रभु श्री जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को सजाया जाएगा और यह रथ लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. रथ यात्रा से पहले रथों के निर्माण का काम शुरू हो चुका है, और यह काम पारंपरिक रथ कला केंद्र रथ खाला में चल रहा है.

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रथों के निर्माण का काम 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन शुरू हुआ था, जब मंदिर के पुजारी द्वारा यज्ञ के बाद रथ निर्माण की अनुमति दी गई थी. इसके बाद पारंपरिक शिल्पकारों ने रथों की तैयारी शुरू कर दी. पुरी में फिलहाल खास उत्सव चंदन यात्रा भी जारी है, जो 42 दिन चलने वाला है. इस यात्रा का पहला 21 दिन का चरण नरेन्द्र तालाब में आयोजित हो रहा है. इस दौरान श्री जगन्नाथ सहित अन्य देवी-देवता पानी में पूजा करते हुए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करेंगे.

रथ सेवा में लगे एक प्रमुख सेवक रंजीत कुमार मोहाना ने कहा कि हम भगवान श्री जगन्नाथ की सेवा करने के लिए अत्यंत भाग्यशाली महसूस करते हैं. हमने काम की शुरुआत अक्षय तृतीया से की थी और आज यह सातवां दिन है. हमारी प्राथमिकता अब रथों के पहियों और काठ के बोल्ट पर काम करना है. यह प्रक्रिया लगभग दो महीने तक चलेगी. इन तैयारियों के बीच पुरी और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को पूरी तरह से सख्त किया है.

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