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रात 8.52, 9.41 और 1.57... एक के बाद एक तीन झटकों से हिला नेपाल, अबतक 6 की मौत, याद आया 2015 का हादसा

नेपाल में एक के बाद एक लगातार तीन झटके महसूस किए गए. इसके बाद फिर सुबह 3:15 बजे 3.6 की तीव्रता पर भूकंप महसूस किया गया. दोती जिले में भूकंप से एक घर गिरने से करीब 2:12 बजे 6 लोगों की मौत हो गई. पड़ोसी देश में आए लगातार भूकंप ने साल 2015 के भूकंप की याद दिला दी है. 

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नेपाल में 2015 में भूकंप के बाद के हालात
नेपाल में 2015 में भूकंप के बाद के हालात

नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद देर रात पूरे उत्तर भारत में जोरदार झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से करीब 90 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में नेपाल में था. रात 1:57 बजे आए भूकंप के झटके दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम के अलावा लखनऊ में भी महसूस किए गए. 

नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से कम तीव्रता के भूकंप आ रहे हैं. यूएसजीएस ने कहा कि भूकंप का केंद्र नेपाल में दिपायल से 21 किमी दूर था. पड़ोसी देश में पहला भूकंप 8 नवंबर की रात 8 बजकर 52 मिनट 42 सेकेंड पर आया था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी पर इसकी तीव्रता 4.9 थी. उसके बाद एक घंटे के अंदर दूसरा भूकंप 9 बजकर 41 मिनट 35 सेकेंड पर आया. उसकी तीव्रता 3.5 और 9 नवंबर की रात एक बजकर 57 मिनट 24 सेकेंड पर 6.3 की तीव्रता का भूंकप आया था.

इसके बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक बार फिर बुधवार की सुबह 6 बजकर 27 मिनट 13 सेकंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 बताई गई. इसका केंद्र जमीन के अंदर 5 किलोमीटर की गहराई में था. उत्तराखंड में बीते रविवार को 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र उत्तरकाशी से 17 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में था. 

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दोती जिले में 6 लोगों की मौत

नेपाल में एक के बाद एक लगातार तीन झटके महसूस किए गए. इसके बाद फिर सुबह 3:15 बजे 3.6 की तीव्रता पर भूकंप महसूस किया गया. दोती जिले में भूकंप से एक घर गिरने से करीब 2:12 बजे 6 लोगों की मौत हो गई. पड़ोसी देश में आए लगातार भूकंप ने साल 2015 के भूकंप की याद दिला दी है. 

25 अप्रैल 2015 में आया था 7.9 की तीव्रता का भूकंप

नेपाल में 25 अप्रैल को 7.9 की तीव्रता का भूकंप आया था. इसमें कई गांव भी जमींदोज हो गए थे. कई बड़ी इमारतें धराशाही हो गईं. इस भूकंप से मरने वालों की संख्या 8000 तक पहुंच गई थी. इसका केंद्र काठमांडू के 83 किलोमीटर पूर्व में माउंट एवरेस्ट के पास 15 किलोमीटर की गहराई में था. 

13 मई 2015 को 7.3 तीव्रता का भूकंप

इसके बाद 13 मई 2015 को भी नेपाल की धरती एक बार फिर कांप उठी थी. इस बार भी भूकंप के दो झटके महसूस किए गए थे. पहला झटका रात करीब 2.07 बजे महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र काठमांडू था. उसके बाद 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 से ज्यादा हो गई थी, जबकि 1100 से ज्यादा लोगों के घायल हो गए थे.  

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भारत ने भेजी थी डॉक्टर्स की टीम

भारत ने भूकंप प्रभावित नेपाल के लिए 15 टन चिकित्सकीय आपूर्ति के साथ डॉक्टर्स और टेक्नीशियंस की 34 सदस्यीय एक टीम भेजी थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, ‘नेपाल के लिए 15 टन चिकित्सकीय साजो सामान रवाना किया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेपाल में आपात चिकित्सकीय राहत मुहैया कराने के लिए 34 सदस्यीय चिकित्सकीय टीम भी भेजी. जिसमें 10 ऑर्थोपेडिक सर्जन, चार एनीस्थिटिस्ट्स, 12 पुरूष नर्स और आठ ओटी तकनीशियन शामिल थे.’ इसके साथ ही जल शोधन संयंत्र स्थापित करने और संचालित करने के लिए तीन टेक्नीशियन भी भेजे गए. 

 

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