मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी के वीडियो ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. सड़क से लेकर संसद तक इस घटना पर बवाल मचा है. 4 मई को हुई इस घटना में समय पर कार्रवाई न करने को लेकर मणिपुर पुलिस पर कई आरोप लग रहे हैं. इन सबके बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. बताया जा रहा है कि NCW ने मणिपुर में हुई इस घटना के पीड़ितों की शिकायत पर एक महीने से अधिक समय तक कार्रवाई नहीं की.
आज तक के हाथ वो शिकायत लगी है, जो पीड़िताओं ने राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजी थी. यह शिकायत 12 जून को भेजी गई थी. इसमें कुकी महिलाओं के साथ ही यौन उत्पीड़न की घटना की तत्काल निंदा करने और इस पर संज्ञान लेने की अपील की गई थी. यह शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग की शिकायत सेल और उत्तर पूर्व सेल को भेजी गई थी.
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शिकायत में कई मामलों का था जिक्र
12 जून को महिला आयोग के पास भेजी गई इस शिकायत में कुकी समुदाय की महिलाओं के साथ 4 मई से 15 मई तक हुईं रेप, यौन उत्पीड़न, हत्या के कई मामलों का जिक्र था.
- 4 मई को, मणिपुर के कांगपोकपी जिले के एक गांव की दो महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया. उन्हें नग्न घुमाया गया, पीटा गया और फिर दंगाई मैतेई भीड़ ने रेप किया.
- 5 मई को कांगपोकपी जिले के एक गांव की रहने वाली साल की दो युवतियों के साथ इंफाल के कोनुंग ममांग इलाके में रेप किया गया. इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. मैतई समुदाय के लोगों ने महिलाओं को घसीट कर एक कमरे में बंद किया. जहां कई घंटों तक उनका रेप किया गया. जब शाम को 7 बजे कमरा खोला गया, तो खून से लथपथ शव मिले.
- 15 मई को इम्फाल से एक 18 साल की लड़की का अपहरण किया गया. मैतेई पुरुषों और महिलाओं की भीड़ उसे वांगखेई की एक सघन बस्ती में ले गई. विरोध करने पर उन लोगों ने उसे टुकड़े-टुकड़े कर देने की धमकी दी और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया. नागालैंड के कोहिमा के एक अस्पताल में हुई मेडिकल जांच रिपोर्ट में मारपीट और रेप की पुष्टि हुई.
महिला आयोग ने दी सफाई
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, हमें महिलाओं के एक ग्रुप की ओर से 29 मई को शिकायत भेजी गई थी. इसके बाद जून में भी दो महिलाओं ने शिकायत भेजी थी. एक शिकायत हैदराबाद और एक भारत के बाहर से भेजी गई थी. दरअसल बहुत सारी शिकायतें थीं, ऐसे में महिला आयोग ने स्थानीय प्रशासन से कार्यवाई के लिए कहा था. लेकिन प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया. ऐसे में मैंने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह से बात की थी.
4 मई को क्या हुआ था?
दरअसल, 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाया गया था. भीड़ ने न सिर्फ महिलाओं को सड़क पर घुमाया था, बल्कि उनके साथ अभद्रता और यौन उत्पीड़न भी किया था. इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हुआ. इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी हुइरेम हेरादास समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. बाकी लोगों की वीडियो से पहचान कर तलाश की जा रही है.
पुलिस पर लग रहे लापरवाही के आरोप
मणिपुर की इस घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, ये मामला 4 मई का है. इसकी शिकायत 18 मई को दी गई थी. लेकिन पुलिस ने 49 दिन बाद 21 जून को FIR दर्ज की. इतना ही नहीं FIR दर्ज होने के ढाई महीने बाद जब देशभर में बवाल हुआ, तब पहली गिरफ्तारी हुई.