केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी और अन्य जांच एजेंसियों को एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश के युवाओं को नशे से बचाने के लिए हर स्तर पर कठोर कार्रवाई कर रही है, चाहे अपराधी देश में हों या विदेश में.
एनसीबी के ऑपरेशन ‘मेड मैक्स’ में बड़ा खुलासा
दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में 25 मई को एक गाड़ी रोकने से शुरू हुई जांच ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जो 4 महाद्वीपों और 10 से ज्यादा देशों में फैला हुआ था. इस नेटवर्क में टेलीग्राम, क्रिप्टो मुद्रा, डिलीवरी एजेंट और फर्जी बी2बी वेबसाइटों का इस्तेमाल हो रहा था.
दिल्ली से अलबामा (अमेरिका) तक पहुंची जांच
गाड़ी से पकड़े गए दो युवकों से 3.7 किलो ट्रामाडोल (नशे की दवा) की बरामदगी हुई. पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये लोग एक बड़ी बी2बी वेबसाइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर विदेशों में दवाइयां बेचते थे. इसके बाद जांच की कड़ियां रुड़की, मयूर विहार (दिल्ली) और फिर कर्नाटक के उडुपी तक जा पहुंची. उडुपी में एनसीबी को 50 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट्स के रिकॉर्ड मिले.
इनमें से—
• 29 पैकेज अमेरिका से अमेरिका भेजे गए थे
• 18 ऑस्ट्रेलिया से ऑस्ट्रेलिया
• 1-1 पैकेज एस्टोनिया, स्पेन और स्विट्ज़रलैंड भेजा गया था
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी छापेमारी
भारत से मिली जानकारी के आधार पर अमेरिका में ड्रग प्रवर्तन प्रशासन ने अलबामा में एक बड़ा ड्रग शिपर जोएल हॉल को गिरफ्तार किया. उसके पास से 17,000 से ज्यादा प्रतिबंधित दवाइयों की गोलियां और क्रिप्टो वॉलेट मिले. इसके अलावा एक भारतीय-अमेरिकी मनी लॉन्डर को भी अमेरिका में आरोपी बनाया गया है. ऑस्ट्रेलिया में इस नेटवर्क से जुड़ी एक अवैध दवा फैक्ट्री भी पकड़ी गई है.
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शातिराना तरीके से चलता था पूरा नेटवर्क
ड्रग का यह नेटवर्क बेहद शातिर तरीके से संचालित किया जा रहा था कि कोई सदस्य अपने देश में सामान नहीं भेजता था. पूरी गतिविधि टेलीग्राम जैसे ऐप और क्रिप्टो भुगतान के ज़रिए होती थी. उडुपी में 10 कर्मचारियों वाला एक फर्जी कॉल सेंटर भी चला रहे थे जो आदेशों को प्रक्रिया में लाता था. आदेश मिलने पर क्रिप्टो में अग्रिम भुगतान लिया जाता था, जिसका हिस्सा आपूर्ति श्रृंखला और पुनः-प्रेषकों तक पहुंचता था. पुराने खरीदारों को ही बाद में पुनः-प्रेषक बना दिया जाता था ताकि नेटवर्क और फैले.
दुबई में बैठा है विश्व का सबसे बड़ा ड्रग माफिया
एनसीबी अब तक 8 गिरफ्तारियां कर चुकी है और संयुक्त अरब अमीरात में मौजूद इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड की पहचान कर ली गई है. यूएई अधिकारियों के साथ मिलकर उसकी गिरफ्तारी की कोशिशें जारी हैं.
एनसीबी अब क्रिप्टो वॉलेट, हवाला चैनल और ऑनलाइन मंचों पर भी निगरानी रख रही है, ताकि इंटरनेट पर खुलेआम चल रहे अवैध फार्मेसी कारोबार पर रोक लगाई जा सके.