भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग हमेशा से उठती आई है. साथ ही ये सवाल भी कि सरकार इन्हें शहीद का दर्जा क्यों नहीं दे रही. संसद में भी जब यह सवाल उठाया गया तो गृह मंत्रालय ने इस सवाल का जवाब गोल-मोल तरीके से दिया. लोकसभा में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को शहीद का दर्जा दिए जाने के सवाल पर, गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब दिया है.
गृह मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भारत को आजादी दिलाने के लिए, भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु सहित तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान गंवाई थी. इन स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका अमूल्य योगदान, आजादी की लड़ाई के सफर का एक अभिन्न हिस्सा है. साथ ही यह हमारे इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है.
सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य में उनकी शहादत एक तथ्य है और यह सरकारी रिकॉर्ड में उनकी उपस्थिति या अनुपस्थिति पर निर्भर नहीं करता. उनका कद इस संबंध में दिए गए किसी भी पुरस्कार, उपाधि या दर्जे से बहुत ऊपर है. यह देश शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का हमेशा आभारी रहेगा, जिन्होंने भारत के बेहतर भविष्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.
उनका नाम भारतीय इतिहास के पन्नों में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. सरकार और पूरा राष्ट्र, भारत को आजादी दिलाने के लिए किए गए स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार करता है.
उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रकाशित 1857 से 1947 तक, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की डिक्शनरी में, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सहित इन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज हैं.