पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम ने प्रतिक्रिया दी है. हिंसा के बाद बंगाल में हो रहे पलायन पर उन्होंने इसे सामान्य बताया है.
ममता बनर्जी सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि राज्य में फिलहाल ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है, जो चिंताजनक हो. लोग बंगाल से बंगाल में जा रहे हैं. राज्य के भीतर ही पलायन कर रहे हैं. बंगाल सुरक्षित है इसलिए राज्य के भीतर ही पलायन हो रहा है. कल डीजीपी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी. हालात सामान्य है.
उन्होंने कहा कि एक घटना घट गई है, उसे लेकर बवाल नहीं होना चाहिए. इससे बहुत बड़ी घटना गुजरात में घटी थी. उसके बाद भी लोग चुप थे. आज ऐसा क्या हो गया? हालांकि, जो घटना हुई है, वह निंदनीय है. इस घटना को नहीं होना चाहिए था. इस घटना के जिम्मेदार जो हैं, उसका पता लगाया जाएगा. ये बंगाल की पवित्र भूमि है.
बता दें कि सबसे पहले शुक्रवार को मुर्शिदाबाद के सूती में हिंसा की शुरुआत हुई थी. उसके बाद जंगीपुर से पुलिसबल मौके पर पहुंचा और हालात संभालने में जुट गया. इसी दौरान सूती से 10 किमी दूर शमशेरगंज में भी बवाल की खबरें आईं. हालांकि, पुलिसबल सूती में हाइवे से जाम हटवाने में जुटा रहा. पुलिस शमशेरगंज तक नहीं पहुंच पाई और वहां हिंसा का ताडंव मचा रहा. ऐसे में सेंट्रल फोर्स BSF को उतरना पड़ा, तब तक बड़ा नुकसान हो चुका था.
दोपहर से शुरू हुई हिंसा देर रात तक चलती रही. जब मालदा और बहरामपुर से फोर्स आई और इन इलाकों में पहुंची, तब हिंसा पर काबू पाया जा सका. भीड़ ने पहले नेशनल हाइवे 34 जाम किया. जब पुलिस ने उन्हें हटाना शुरू किया तो पत्थरबाजी होने लगी. पुलिस ने फिर आंसू गैस छोड़ी. लाठीचार्ज किया. दो दिन पहले भी मुर्शिदाबाद पुलिस पर हमला हुआ था. तब प्रदर्शनकारियों ने दो गाड़ियों में आग लगा दी थी. एनआरसी के दौर में भी मुर्शिदाबाद में जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी.
दरअसल, मुर्शिदाबाद में शुक्रवार की नमाज के बाद वक्फ विधेयक के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर पड़े और नेशनल हाइवे 34 ब्लॉक कर दिया था. जब पुलिस ने नेशनल हाइवे से अवरोध हटाने की कोशिश की तो पुलिस के साथ एक तरह से जंग छिड़ गई. ठीक उसी समय मुर्शिदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर शमशेर गंज में भी नेशनल हाइवे पर हजारों की संख्या में लोग आ गए थे.