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'हम अपील दायर करेंगे, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए...', बोले मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल

हाल ही में बेल्जियम में भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ़्तारी ने भारत को ₹6000 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपियों में से एक को वापस लाने के एक कदम और करीब ला दिया है.

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मेहुल चोकसी
मेहुल चोकसी

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. उसे 12 अप्रैल को बेल्जियम के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया गया था. कहा जा रहा है कि भारतीय जांच एजेंसियों के अनुरोध पर चोकसी की गिरफ्तारी हुई है. ईडी और सीबीआई ने जब से चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश शुरू की है, वह उसके कुछ दिन बाद से ही अस्पताल में इलाज करवा रहा था. 

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सूत्रों के मुताबिक, चोकसी को भारत लाने की कोशिश की जाएगी. हालांकि, चोकसी अभी बेल्जियम की अदलात में कानूनी दांव पेंच का इस्तेमाल कर सकता है इसलिए कानूनी लड़ाई में कुछ वक्त लगेगा.

'मेहुल जानता है कि सबसे अच्छा वकील कैसे खोजना है...'

मामला के मुखबिर हरि प्रसाद कहते हैं, "मेहुल चोकसी जानता है कि दुनिया के सबसे अच्छे वकीलों को कैसे खोजना है. वह जाहिर तौर पर अपने प्रत्यर्पण से बचने के लिए जी-जान से लड़ेगा. भारत सरकार अब तक उन्हें वापस लाने में असमर्थ है. तो यही बात बेल्जियम में भी हो सकती है. क्या गारंटी है कि उसे वापस लाया जाएगा? उसके पास वकीलों का बड़ा ग्रुप है और उसके पास पैसों की भी कमी नहीं है. इसलिए मुझे नहीं पता कि उसे वापस लाया जा सकता है या नहीं. अगर ऐसा होता है, तो भारत के लिए अच्छा होगा."

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उन्होंने आगे कहा, "मेरा कहना है कि सिर्फ़ मेहुल चोकसी को वापस लाने से समस्या हल नहीं होगी. उसने भारतीय बैंकों के साथ-साथ भारतीय लोगों, भारतीय निवेशकों का भी बहुत सारा पैसा छिपा रखा है. इसलिए उसे पैसे के साथ वापस लाना आज की ज़रूरत है. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार ऐसा करने में सक्षम है. हमारी कूटनीतिक शक्ति पहले की तुलना में बहुत बेहतर है, इसलिए मुझे उम्मीद है कि उसे वापस लाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: मेहुल चोकसी ने जांच से बचने के लिए किया था बीमारी का बहाना? अब बेल्जियम में हुआ अरेस्ट

बेल्जियम की गिरफ्तारी के बाद भारत ने आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की गुजारिश की है. मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में कहा, "मैं बस इतना कह सकता हूं कि उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है, इससे ज्यादा जानकारी मैं नहीं दे पाऊंगा. वे इस वक्त जेल में हैं. हम अपील दायर करेंगे और गुजारिश करेंगे कि उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. गिरफ़्तारी के आधार के बिना केस लड़ने की छूट दी जानी चाहिए."

इस वजह से गिरफ्तारी से मिली थी छूट

हाल ही में बेल्जियम में भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ़्तारी ने भारत को ₹6,000 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपियों में से एक को वापस लाने के एक कदम और करीब ला दिया है. लेकिन इस गिरफ़्तारी ने 2022 में लिए गए एक अहम फ़ैसले की ओर भी ध्यान खींचा है. इंटरपोल द्वारा चोकसी के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) वापस लेना, जिसने उसे अब तक अंतरराष्ट्रीय गिरफ़्तारी से बचने के लिए काफ़ी छूट दी थी.
 

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