भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में हिरासत में ले लिया गया है. इस बीच उसके खिलाफ भारत में भी हलचल शुरू हो गई है. उसे भारत लाने की मांग उठ रही है, लेकिन पता चला है कि वह मुंबई स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में आवेदन देता रहा है, जहां उसकी दलील रही है कि बीमारी के चलते कहीं बाहर की यात्रा नहीं कर सकता.
पिछले साल मेहुल चोकसी ने अपने वकीलों के माध्यम से एक मेडिकल सर्टिफिकेट दायर किया था, जिसमें उसने कहा था कि वह अगस्त 2024 तक यात्रा नहीं कर सकता. इस आधार पर, चोकसी की कानूनी टीम ने अदालत को बताया कि वह मुंबई में जांच के लिए नहीं आ सकता. हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने इस प्रमाणपत्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं.
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मेहुल चोकसी के पास F रेजीडेंसी कार्ड
मेहुल चोकसी ने 15 नवंबर को बेल्जियम से एक F रेजीडेंसी कार्ड हासिल किया था, और इसके लिए उसने अपनी पत्नी के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था. ईडी के सूत्रों का कहना है कि चोकसी ने मेडिकल का बहाना देकर बेल्जियम सरकार को गुमराह किया और इसके लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
मेहुल चोकसी ने भारतीय और एंटीगुआन नागरिकता को त्यागते हुए बेल्जियम से F रेजीडेंसी कार्ड के लिए आवेदन किया और इसे हासिल करने में सफल भी रहा. भारतीय अधिकारियों को जब यह पता चला कि चोकसी बेल्जियम से F+ रेजीडेंसी कार्ड भी हासिल करना चाहता था, जिससे उसका प्रत्यर्पण मुश्किल हो जाता. इसके बाद बेल्जियम ने F रेजीडेंसी कार्ड को F+ में बदलने की प्रक्रिया को रोक दिया.
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भारत के अनुरोध पर बेल्जियम ने लिया एक्शन
भारत के अनुरोध पर बेल्जियम अधिकारियों द्वारा इन घटनाओं की जानकारी के बाद, मेहुल चोकसी ने स्विट्जरलैंड के हिर्सलैंडन क्लिनिक आराऊ में कैंसर को इलाज के लिए भी जाने वाला था. हालांकि, बेल्जियम के एंटवर्प में अधिकारियों ने उसे प्रोविजनल कस्टडी में ले लिया, जिसकी वजह से वह स्विट्जरलैंड में थेरेपी के लिए भर्ती नहीं हो सका. अब वह बेल्जियम की जेल में हिरासत में है.