पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2024 की शुरुआत में स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप सामने आने के बाद पहली बार सोमवार को संदेशखाली पहुंचीं. यहां पहुंचकर उन्होंने कहा, 'संदेशखाली में फर्जी खबरें फैलाने के लिए बहुत पैसा खर्च किया गया.' 'यहां बुरे लोगों को मत बुलाओ. उनके प्रभाव में मत आओ.'
'हमें फर्जी लोगों को खत्म करना होगा'
ममता ने कहा, 'मुझे पता है कि यहां फर्जी खबरें फैलाने के लिए बहुत पैसा खर्च किया गया है. लेकिन मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगी. फर्जी चीजें ज्यादा नहीं चलतीं. मैं चाहती हूं कि संदेशखली के लोग दुनिया में नंबर 1 बनें. हमें साजिश, धमकियों और फर्जी लोगों को खत्म करना होगा.'
'भाजपा के पास बहुत पैसा है, लेकिन अच्छे स्रोत से नहीं आया'
उन्होंने कहा, 'भाजपा के पास बहुत पैसा है. ये पैसा अच्छे स्रोतों से नहीं आया है. इसलिए उस पैसे को मत उठाओ. यह कुरूपता और झूठ की पार्टी है. उनके झूठ से प्रभावित मत हो. अगर संदेशखली में कुछ भी होता है तो मुझे एक सेकंड में पता चल जाएगा. अगर मैं (दीदी) आपसे कुछ वादा करती हूं तो मैं उसे जरूर पूरा करूंगी. मैं यहां के लोगों का चौकीदार हूं.'
पिछले सप्ताह राज्य सचिवालय नबन्ना में पत्रकारों से बात करते हुए, टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि सुंदरबन में नदी के किनारे स्थित द्वीप की उनकी यात्रा का उद्देश्य राज्य सरकार की योजनाओं के तहत लाभ पहुंचाना और स्थानीय लोगों की चिंताओं को दूर करना है.
बनर्जी ने कहा, 'यह एक सरकारी कार्यक्रम होगा.' 'हमने 'लक्ष्मी भंडार', 'बांग्लार बारी' और अन्य योजनाओं के तहत कई लंबित कार्यक्रम पूरे कर लिए हैं. क्षेत्र के लगभग 20,000 लाभार्थियों को विभिन्न राज्य संचालित योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा. मुझे उम्मीद है कि मैं मंच से लगभग 100 लोगों को विभिन्न योजनाओं के प्रमाण पत्र सौंपूंगी.'
उन्होंने कहा, 'लोगों ने मुझसे चुनाव से पहले पूछा था कि मैं संदेशखली जाऊंगी या नहीं. मैंने उन्हें बताया था कि मैं बाद में जाऊंगी.'
शुभेंदु अधिकारी ने की नए कार्यक्रम की घोषणा
इस बीच, भाजपा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने क्षेत्र में एक कार्यक्रम की घोषणा की. संदेशखली में यौन उत्पीड़न और भूमि हड़पने का विवाद भाजपा और सत्तारूढ़ टीएमसी के बीच राजनीतिक टकराव का विषय रहा है.
गौरतलब है कि जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला किया गया था और उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. ED के अधिकारी संदेशखली में टीएमसी के नेता शेख शाहजहां के आवास पर करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले की जांच के दौरान छापा मारने गए थे.
घटना के बाद, क्षेत्र की कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां और उनके सहयोगियों ने जमीन हड़प ली और उनका यौन उत्पीड़न किया. इन आरोपों के कारण विपक्ष ने शाहजहां की तत्काल गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी, जिसमें भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने टीएमसी प्रशासन पर उसे बचाने का आरोप लगाया. बनर्जी ने दावा किया कि यह घटना भाजपा, ईडी और मीडिया की साजिश थी. शाहजहां को 55 दिनों की तलाशी के बाद आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया और टीएमसी ने उसे निलंबित कर दिया.