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लोकसभा में इंडिगो संकट और हंगामे के बीच सेस बिल पारित, हंगामेदार रहा शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन

लोकसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन इंडिगो संकट ने संसद में हंगामा मचा दिया. विपक्षी सांसदों ने न्यायपालिका पर विवादित बयान दिए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी.

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लोकसभा में पास हुआ स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक 2025
लोकसभा में पास हुआ स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक 2025

लोकसभा में शीतकालीन सत्र का पांचवा दिन एक बार फिर हंगामे दार रहा. शुक्रवार को सत्र का पांचवा दिन था और 11 बजे संसद शुरू होने से पहले ही देश में इंडिगो संकट गहरा गया. जो बहस का मुद्दा बना और फिर संसद सत्र पर भी इसका साया पड़ा. सत्र की शुरुआत में ही इंडिगो संकट मामले पर प्रश्नकाल की शुरुआत हंगामे से हुई. विपक्षी सांसद वी वांट जस्टिस के नारे लगाते रहे. उधर राज्यसभा में इंडिगो संकट का मुद्दा छाया रहा. लिहाजा स्पीकर ओम बिड़ला ने तकरीबन 11.30 बजे सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. वहीं दोपहर दो बजे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी.

पांचवें दिन हुआ कई बार हंगामा
12 बजे के बाद जब सत्र की शुरुआत हुई तब दोपहर में शून्यकाल के दौरान टीएमसी सांसद शताब्दी राय और महुआ मोइत्रा ने हंगामा किया और फिर इसके बाद बड़ी बहस हुई DMK सांसद टीआर बालू और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच. असल में डीएमके सांसद ने हाईकोर्ट जज को 'RSS जज कह दिया. इस पर लोकसभा में हंगामा हो गया. 

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर आपत्ति उठाई. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान न्यायपालिका पर कलंक लगाने जैसे हैं. TR बालू ने प्रश्नकाल में मद्रास हाईकोर्ट के जज पर टिप्पणी की थी. दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट जज ने मदुरै में अरुलमिगु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं को पारंपरिक दीप जलाने की अनुमति दी थी. इस पर तमिलनाडु सरकार ने आपत्ति भी जताई थी.

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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- न्यायपालिका को बदनाम करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई? संसदीय बहस में शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए. हम इस बात के खिलाफ नहीं है कि वह क्या कहना चाहते हैं, लेकिन वह असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते. रिजिजू ने आगे कहा- इससे न केवल आपके लिए, बल्कि आपकी पार्टी के लिए भी बेवजह परेशानी खड़ी होगी.

लोकसभा में चेयर पर बैठे कृष्णा प्रसाद टेनेटी ने कहा- बालू के बयान को रिकॉर्ड से हटाया जाएगा. उन्होंने कहा- मामला सब-ज्यूडिस है. आपने एक माननीय जज को गलत तरीके से संबोधित किया. इसे वापस लिया जाता है. हम किसी भी जज को ऐसे शब्दों में संबोधित नहीं कर सकते. हालांकि, इसके बाद भी बालू अपने बयान पर कायम रहे और तर्क दिया कि जज ने खुद ही संगठन के साथ अपने जुड़ाव को स्वीकार किया था.

सरकार की ओर से जवाब देते हुए, संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन ने तमिलनाडु में DMK सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा- तमिलनाडु सरकार एक खास समुदाय को निशाना बना रही है. वे उस इलाके में कानून-व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं. DMK सरकार सिर्फ वोट-बैंक की राजनीति कर रही है.

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टीएमसी और बीजेपी सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक
इससे पहले, लोकसभा में टीएमसी और बीजेपी सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने बांग्ला बोलने वालों को बांग्लादेश भेजने के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया. जीरो ऑवर के दौरान उन्होंने ओडिशा में एक व्यक्ति को डिपोर्ट करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सिर्फ भाषा के आधार पर किसी को देश से नहीं निकाला जा सकता. जब समय खत्म होने पर उनका माइक बंद हुआ तो ड्रामा और बढ़ गया.

शताब्दी रॉय और उनकी साथी सांसद महुआ मोइत्रा गुस्से में ट्रेजरी बेंच की तरफ दौड़ पड़ीं. वे बीजेपी सांसद जुगल किशोर की सीट पर जाकर उनके माइक में बोलने लगीं. पीठासीन अधिकारी ने उन्हें अपनी सीट पर लौटने को कहा. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने भी उन्हें समझाया. बाद में अपनी बात पूरी करते हुए शताब्दी रॉय ने विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि अगर बांग्ला बोलने वालों को बांग्लादेश भेजा जा सकता है. तो हिंदी और उर्दू बोलने वाले बीजेपी के लोगों को पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए. इस बयान के बाद सदन में फिर से शोर शराबा शुरू हो गया.

पुरी सांसद संबित पात्रा ने दिया जवाब
शताब्दी राय के इस सवाल और आरोप पर पुरी सांसद संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए जवाब दिया. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि टीएमसी  सांसद ने जो आरोप लगाए वह फैक्ट पर बिल्कुल नहीं हैं और गलत हैं. ओडिशा प्राचीन काल से अंगा,बंगा और कलिंगा (अंग के, बंगाल के और कलिंग के लोग) को साथ लेकर चलने वाल रहा है और सभी के ईष्ट भगवान जगन्नाथ ही हैं और हम उन्हें बहुत मानते हैं.

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टीएमसी सांसद ने जो कहा वो बहुत गलत है. हम सबका साथ-सबका विकास की भावना को  लेकर चलने वाले लोग हैं, लेकिन उन्होंने जिस तरीके से हिंदी-उर्दू बोलने वाले लोगों के लिए पाकिस्तान चले जाने की बात कही है वह बहुत गलत है. बंगाली हमारे भाई हैं, ओडिशा अस्मिता हमारी पहचान है, मगर बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं का ओडिशा में कोई स्थान नहीं है.

संबित पात्रा के इस पलटवार पर पीठासीन कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कहा कि आपने जो कहा है उसका रिकॉर्ड चेक किया जाएगा.

स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस बिल 2025 लोकसभा से पारित
शाम को सदन में स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस बिल 2025 पर चर्चा हुई. निर्मला सीतारमण ने कहा कि, ऑपरेशन सिंदूर के समय तीनों सेनाओं ने शानदार काम किया जिसमें टेक्निकल इंस्ट्रूमेंट्स की जरूरत पड़ी. यही मॉडर्न वॉरफेयर है और इसी के लिए हमें सेस लगाने की जरूरत है. ये पूरा फंड देश के लोगों की सुरक्षा में ही खर्च होगा. हम ये सेस केवल डीमेरिट गुड्स पर ही लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक वित्त मंत्री के रूप में उनका दायित्व धन जुटाना है.

बिल पर चर्चा के दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल सहित अन्य विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की. बेनीवाल ने सरकार से पूछा कि आप पान मसाला महंगा करने जा रहे हैं, गुटखा और पान मसाले का सेलेब्रिटी विज्ञापन कर रहे हैं. इसके खिलाफ सरकार क्या कर रही है? कांग्रेस के सांसद शशिकांत सेंथिल ने कहा कि इसे समझना मुश्किल है. ऐसे क्लॉज PMLA में देखने को मिले थे. चर्चा के बाद लोकसभा से यह बिल पास हो गया है. 

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