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'नियोजित गतिरोध लोकतंत्र के लिए घातक', विपक्ष के हंगामे पर भड़के लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

संसद के मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता हंगामेदार रहा. लोकसभा में पांचवें दिन भी बिहार SIR को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी रहा. इस पर भड़के स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों को संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं का पाठ पढ़ाया.

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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को दी नसीहत (Photo: Screengrab)
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को दी नसीहत (Photo: Screengrab)

लोकसभा में मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता अब समाप्त होने को है, लेकिन गतिरोध है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. मॉनसून सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी रहा. बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल सके.

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर भड़के स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि नियोजित गतिरोध संसदीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि लोकतंत्र में असहमति दर्ज कराना आपका अधिकार है, लेकिन असहमति किस तरीके से दर्ज करानी है. असहमति दर्ज कराने का तरीका संसदीय लोकतंत्र की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए.

स्पीकर ने हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमेशा प्रयास किया है कि सदन सुचारु रुप से चले, विशेषकर प्रश्नकाल में सदस्यों को बोलने का पूरा अवसर मिले. उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल सदस्यों का समय होता है, उस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि चर्चा में सरकार की जवाबदेही भी तय होती है.

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं कि सदन को नियोजित तरीके से बाधित किया जा रहा है. तख्तियां लेकर नारेबाजी की जा रही है. स्पीकर ने कहा कि अगर आपको किसी मुद्दे पर चर्चा करनी है, तो आप आएं. हर मुद्दे पर सरकार से बात करके चर्चा का रास्ता निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि आते ही सदन के अंदर या सदन के बाहर तख्तियां लेकर नारेबाजी करें, ये उचित नहीं है.

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स्पीकर ने कहा कि सरकार के प्रतिनिधि को बुलाता हूं, आपको बुलाता हूं. मुद्दों पर चर्चा करें, लेकिन ये तरीका ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हम हैं. हमारे पीछे 20-20 लाख लोग बड़ी अपेक्षाओं से सदन को देखते हैं. स्पीकर ने कहा कि लोग देखते हैं कि हमारे मुद्दों, हमारे विषयों, हमारी आकांक्षा, हमारी चिंता पर सदन में चर्चा होगी और आप तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हैं.

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उन्होंने कहा कि ये उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि आप सदन नहीं चलाना चाहते, सदन में चर्चा नहीं करना चाहते. स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को संदेश देते हुए कहा कि आप आकर मिलें, हर विषय पर चर्चा के लिए सहमति बनाऊंगा. उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल की अच्छी परंपरा रही है कि जिनके प्रश्न हैं, केवल उनको ही बोलने का अवसर दिया जाता है.

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स्पीकर ओम बिरला ने इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे के कारण पहले 12 और फिर सोमवार, 28 जुलाई को दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

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