लोकसभा चुनाव के नतीजे लगभग साफ हो गए हैं. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के लिए तैयार है. सात चरणों में हुए ये चुनाव काफी दिलचस्प रहे हैं. इस दौरान बीजेपी की टिकट पर बड़ी संख्या में राजघराने से जुड़े लोगों ने चुनाव लड़ा. राजघराने से जुड़े इन उम्मीदवारों में से अधिकतर ने बड़े अंतर के साथ अपने प्रतिद्वंद्वियों को शिकस्त दी है.
ग्वालियर के शाही परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह को 5.40 लाख से अधिक वोटों से हरा दिया. सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी के साथ 18 सालों के अपने संबंधों को खत्म कर 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए थे.
ऐसा सिंधिया के राजनीतिक करिअर में पहली बार हुआ, जब उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर गुना से चुनाव लड़ा था. गुना सीट से उनके दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया और उनकी दादी विजयराजे सिंधिया भी चुनाव लड़ चुकी हैं. बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत के साथ क्लीन स्वीप किया.
धौलपुर स्टेट के प्रिंस दुष्यंत सिंह अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की उर्मिला जैन को 3.70 लाख से अधिक वोटों के अंतर से झालावाड़-बारां सीट से हराया था.
राजस्थान में एक और राजघराने से जुड़ी एक और उम्मीदवार महिमा कुमारी मेवाड़ भी हैं. विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी महिमा ने राजसमंद लोकसभा सीट से जीत दर्ज की. वह महाराणा प्रताप की वंशज हैं. महिमा ने कांग्रेस के अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी डॉ. दामोदर गुर्जर को 3.93 लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी है. राजस्थान में बीजेपी 25 लोकसभा सीटों में से 14 सीटों पर जीत दर्ज की है.
दक्षिण में यदुवीर कृष्णदत्त वाडियार मैसूर लोकसभा सीट से उम्मीदवार थे. उन्हें 7.95 लाख से अधिक वोट मिले. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार एम लक्ष्मण को 1.39 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. वाडियार को 2015 में मैसूर के राजघराने का प्रमुख बनाया गया था. इसके साथ ही वह वाडियार खानदान के 27वें राजा बने. बीजेपी ने 28 में से 17 सीटें जीती जबकि कांग्रेस ने कर्नाटक में नौ सीटों पर जीत दर्ज की.
ओडिशा में कालाहांडी जिले के राजघराने की सदस्य और पूर्व सांसद अर्क केसरी देव की पत्नी मालविका देवी ने बीजेपी के टिकट पर बीजू जनता दल (बीजेडी) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी लांबोदर नियाल को 1.33 लाख से अधिक वोटों से हराया. मालविका को 5.44 लाख से अधिक वोट मिले हैं. ओडिशा में बीजेपी के उम्मीदवार 21 में से 19 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे.
पूर्वोत्तर के राज्यों में से त्रिपुरा के राजघराने की सदस्य कीर्ति सिंह देबबर्मा ने त्रिपुरा ईस्ट सीट से अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के राजेंद्र रीयांग को 4.86 लाख वोटों के अंतर से हराया है. कीर्ति क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा और बीजेपी की संयुक्त उम्मीदवार थीं. बीजेपी ने त्रिपुरा की दोनों संसदीय सीटों पर जीत दर्ज की है.
2024 के लोकसभा चुनाव में एक अन्य शाही उम्मीदावर विक्रमादित्य सिंह हैं, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
रामपुर के राजघराने के उत्तराधिकारी और दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को बीजेपी की उम्मीदवार कंगना रनौत के हाथों हार का सामना करना पड़ा. कंगना रनौत को 5.37 लाख से अधिक वोट मिले जबकि विक्रमादित्य को 4.62 लाख से अधिक वोट मिले हैं.
एक अन्य शाही परिवार के उम्मीदवार पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से राजमाता अमृता रॉय हैं, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा है. अमृता रॉय की शादी महाराजा कृष्णाचंद्र रॉय के परिवार में हुई थी. उन्हें रानी मां कहकर संबोधित किया जाता है. अमृता रॉय को टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने 56,705 वोटों के अंतर से हराया है. मोइत्रा शुरुआत में इस सीट से पीछे चल रही थीं लेकिन बाद में उन्हें 6.28 लाख से अधिक वोट मिले.
पंजाब में बीजेपी की 79 साल की उम्मीदवार परनीत कौर पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं. वह पटियाला सीट पर तीसरे स्थान पर रही. बता दें कि पटियाला सीट को अमूमन कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर कुल चार उम्मीदवार आमने-सामने था. इस सीट पर कांग्रेस के धर्मवीर गांधी ने 3.05 लाख वोटों से जीत दर्ज की.