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'लाल बहादुर शास्त्री के बलिदान को नहीं मिली उचित सराहना,' बोले तमिलनाडु के राज्यपाल

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की खुलकर तारीफ की और कहा- 'उनकी ईमानदारी, समर्पण, बेदाग सेवा और राष्ट्र की अखंडता के लिए उन्होंने जो उत्कृष्ट कार्य किए, वे सराहनीय हैं. देश की रक्षा करने में शास्त्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण ने आजादी मिलने के 17 साल बाद 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत दिलाई.

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तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि.
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि.

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने बुधवार को यहां शास्त्री भवन में देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया. कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि शास्त्री ने देश के दृष्टिकोण में एक आदर्श परिवर्तन लाया. गर्वनर आरएन रवि ने देश के लिए शास्त्री के योगदान और सेवाओं की सराहना की और आगे कहा- राष्ट्र के लिए भारत रत्न के महान और निस्वार्थ बलिदान को अभी तक उचित सराहना और स्वीकृति नहीं मिली है. 

राजभवन की एक विज्ञप्ति में रवि के हवाले से कहा गया है- 'उनकी ईमानदारी, समर्पण, बेदाग सेवा और राष्ट्र की अखंडता के लिए उन्होंने जो उत्कृष्ट कार्य किए, वे सराहनीय हैं. देश की रक्षा करने में शास्त्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण ने आजादी मिलने के 17 साल बाद 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत दिलाई. शास्त्री के नरम लेकिन सख्त नेतृत्व के साथ 1965 के युद्ध में जीत ने हमारे आत्म-सम्मान और प्रतिष्ठा को बहाल किया. राष्ट्रीय गौरव को बहाल करना सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसकी अभी तक बहुत सराहना नहीं की गई है.'

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राज्यपाल ने दोहराया कि शास्त्री के बेहतरीन योगदान के कारण देश आज आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने और 2047 तक जब आजादी की अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने के लिए 'अमृत काल' की महत्वपूर्ण अवधि में नए विश्वास के साथ आगे बढ़ेगा. इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल कुमार शास्त्री और सीपीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे.

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