प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सेंट्रल विस्टा की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे. इस बिल्डिंग का नाम कर्तव्य भवन होगा. इस नई इमारत में गृह मंत्रालय और DOPT सहित कई दूसरे मंत्रालय शिफ्ट हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी छह अगस्त को शाम छह बजे इस नई इमारत का उद्घाटन करेंगे. इसे लेकर तैयारियों जोरों शोरों पर हैं. यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत हो रहे व्यापक बदलावों का महत्वपूर्ण हिस्सा है. कर्तव्य भवन-3 आगामी साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों की श्रृंखला में पहला भवन है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक कार्यप्रणालियों को अधिक दक्ष, सुव्यवस्थित और उत्तरदायी बनाना है.
मौजूदा समय में भारत सरकार के कई मंत्रालयों का कामकाज गृह मंत्रालय, विदेश, कृषि, उद्योग और ग्रामीण विकास मंत्रालय दशकों पुरानी और क्षीण हो चुकी इमारतों में हो रहा है, जिनमें शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन प्रमुख हैं.
नई इमारतों के निर्माण का उद्देश्य न केवल कार्यकुशलता को बढ़ाना है बल्कि रखरखाव में होने वाले खर्च को भी कम करना है. कर्तव्य भवन-3 के उद्घाटन के साथ ही राजधानी में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक स्थान पर लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है. यह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एक उच्चस्तरीय कार्यालय परिसर होगा, जो लगभग 1.5 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में फैला है. इसमें इसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें होंगी.
इस भवन में जिन प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के कार्यालय होंगे. उनमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय शामिल है. यह भवन आधुनिक प्रशासनिक संरचना का प्रतीक होगा, जिसमें अत्याधुनिक आईटी सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट आईडी कार्ड आधारित प्रवेश व्यवस्था, एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली और एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
यह भवन पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत उन्नत होगा. इसमें रूफटॉप सोलर पैनल, सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम, आधुनिक एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) तकनीक और वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसी हरित सुविधाएं होंगी. भवन को GRIHA-4 रेटिंग प्राप्त करने के लक्ष्य से बनाया गया है. पानी की बचत को ध्यान में रखते हुए भवन में कई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.