बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार के विश्वास मत हासिल करने पर विपक्षी पार्टियों विशेष रूप से आरजेडी पर तंज कसा है.
मांझी ने तंज कसते हुए कहा कि खेला के अम्पायर HAM थे, वो लोग बिना अम्पायर के खेल रहे थे, अगर बिना अम्पायर के निर्देश के खेल होगा तो इसका नुकसान ही भरना पड़ेगा, जो हुआ भी.
बता दें कि बूिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया. सरकार के पक्ष में 129 वोट पड़े, जबकि इस दौरान आरजेडी सहित विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य हैं जबकि बहुमत का आंकड़ा 122 था.
इससे पहले महागठबंधन के दलों ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया था. लेकिन मांझी ने इस ऑफर को खारिज कर दिया था. लेकिन बताया जा रहा था कि वे सूबे में बिहार में विभागों के बंटवारे के ऐलान के बाद से ही नाराज थे. लेकिन बाद में उन्होंने फ्लोर टेस्ट में नीतीश कुमार के पक्ष में ही बने रहने का फैसला किया.
जब मांझी का फोन था नॉट रिचेबल
बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले रविवार को रात दस बजे के आसपास मांझी का फोन स्विच ऑफ हो गया था. उनसे संपर्क नहीं हो पाया था. वहीं, बीजेपी नेता नित्यानंद राय जीतनराम मांझी के आवास पर पहुंचे थे. एक ओर जहां आरजेडी ने दावा किया था कि बहुमत परीक्षण से पहले खेला होगा, वहीं कांग्रेस ने दावा किया था कि नीतीश सरकार गिरेगी.
जब नीतीश कुमार से नाराज हुए थे मांझी
हाल ही में नीतीश कुमार ने राज्य में विभागों का बंटवारा किया था. विभागों के बंटवारे में जीतनराम मांझी के बेटे को एससी/एसटी कल्याण समेत तीन विभाग मिले थे, जिसे लेकर मांझी ने सवाल उठाए थे. उन्होंने पूछा था कि हमें हमेशा एससी/एसटी कल्याण विभाग ही क्यों मिलता है, क्या हम PWD या दूसरे विभाग नहीं चला सकते?