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'स्टेडियम स्कूल की संपत्ति...', बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत पर आया खेल अधिकारी का बयान

जिला खेल अधिकारी सतेंद्र कुमार ने प्रदेश में बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत पर यह कहते हुए बचाव किया कि जिस ग्राउंड में हादसा हुआ, वह मूल रूप से स्कूल की संपत्ति और स्कूल का स्टेडियम है, विभाग वहां सिर्फ रेसलिंग सेंटर चलाता है.

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हादसे पर विभाग ने कहा कि पुराने पोल समय पर नहीं बदले गए (Photo: X/@ANI/ ITG)
हादसे पर विभाग ने कहा कि पुराने पोल समय पर नहीं बदले गए (Photo: X/@ANI/ ITG)

हरियाणा के रोहतक और झज्जर में खिलाड़ियों के साथ हुआ हादसा सुर्खियों में बना हुआ है. खिलाड़ियों की मौत ने खेल व्यवस्था की खस्ताहाल हकीकत और विभागीय लापरवाही को सबके सामने उजागर कर दिया है. 

रोहतक में बास्केटबॉल खिलाड़ी की मौत के बाद जिला खेल अधिकारी सतेंद्र कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए इस हादसे पर दुख जताया और बताया कि जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. 

अधिकारी सतेंद्र कुमार ने बताया कि यह स्टेडियम असल में स्कूल की संपत्ति है, और यहां खेल विभाग की तरफ से एक रेसलिंग सेंटर चलता है. इस सेंटर में संजय कोच बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं, और उनकी रेसलिंग नर्सरी भी यहीं संचालित होती है. हादसे वाले दिन कुछ बच्चे बास्केटबॉल कोर्ट में मौजूद थे. वहां लगे पोल की हालत काफी खराब थी. 

अधिकारी के मुताबिक, स्थानीय लोगों और वहां मौजूद अभिभावकों ने बताया कि कुछ बच्चे उस पोल पर चढ़ गए थे. पोल पहले से कमजोर था और अचानक टूटकर गिर गया. इसी वजह से एक खिलाड़ी की जान चली गई. 

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सतेंद्र कुमार ने इसे बड़ी अनदेखी और शर्म की बात बताया. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा नुकसान है क्योंकि हमारा अपना खिलाड़ी इस तरह से चला गया.

यह भी पढ़ें: पहले अमन, अब हार्दिक... तीन दिन में दो बास्केटबॉल प्लेयर्स की मौत, कैसे गिरा 750KG वजनी पोल?

उन्होंने यह भी बताया कि लाखन माजरा में भी इसी तरह का एक पोल गिरा था, जिसमें एक खिलाड़ी की मौत हुई. यानी लगातार दो घटनाओं ने सिस्टम की खामियों को उजागर कर दिया है.

घटना के तुरंत बाद एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें बास्केटबॉल कोच, स्टेडियम इंचार्ज और राजीव गांधी स्टेडियम के वरिष्ठ कोच शामिल हैं. यह कमेटी सभी ग्राउंड, उपकरण और खासकर पुराने पोलों की जांच कर रही है. 

सतेंद्र कुमार ने साफ कहा कि ये पोल बहुत पुराने हैं और लंबे समय से इनकी मरम्मत नहीं हुई, इसलिए गलती मानने में कोई दो राय नहीं है.

अधिकारी ने बताया कि अब सभी ग्राउंडों की पूरी जांच होगी. जो भी उपकरण खराब हैं, उन्हें हटाया जाएगा और विभाग से नए पोल लगाने के लिए फंड की मांग भेजी जाएगी. उन्होंने कहा कि आगे यह गलती दोहराई न जाए, इसके लिए पूरी व्यवस्था को सुधारना ज़रूरी है.
 

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