उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तत्काल प्रभाव से पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है. पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है कि जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है.
जगदीप धनखड़ 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए थे. उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार रहे जगदीप धनखड़ की जीत पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी थी. पीएम मोदी ने जगदीप धनखड़ के पक्ष में मतदान करने वाले सभी सांसदों को धन्यवाद देते हुए कहा था कि जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, हमें एक ऐसे किसान पुत्र उपराष्ट्रपति पर गर्व है जिसके पास उत्कृष्ट कानूनी ज्ञान और बौद्धिक कौशल है.
जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की थी. राज्यसभा में सभापति के रूप में जगदीप धनखड़ का पहला दिन 7 दिसंबर 2022 था. 2022 का यह शीतकालीन सत्र राज्यसभा का 258वां सत्र था और इसी सत्र के शुरुआती दिन जगदीप धनखड़ राज्यसभा के सभापति के आसन पर पहली बार आसीन हुए थे. जगदीप धनखड़ ने जब राज्यसभा के सभापति की कुर्सी संभाली थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे. पीएम मोदी ने राज्यसभा में भी जगदीप धनखड़ की जमकर तारीफ की थी.
राज्यसभा में पीएम मोदी ने किया था धनखड़ का स्वागत
पीएम मोदी ने राज्यसभा में जगदीप धनखड़ का स्वागत करते हुए सदन और देश की तरफ से बधाई दी थी. पीएम मोदी ने कहा था कि एक सामान्य परिवार से आकर संघर्षों के बीच जीवन यात्रा को आगे बढ़ाते हुए आप जिस पद पर पहुंचे हैं, वह कई लोगों के लिए प्रेरणा का कारक है. इस उच्च सदन में इस गरिमामयी आसन को आप सुशोभित कर रहे हैं. मैं कहूंगा कि गिठाना के लाल की उपलब्धियां जो देश देख रहा है, देश की खुशी का ठिकाना नहीं है. यह सुखद अवसर है कि आज आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे भी है. आप झुंझुनू से आते हैं और वह वीरों की भूमि है. शायद ही कोई परिवार ऐसा होगा, जिसने देश सेवा में भूमिका न निभाई हो.
आप में किसान और जवान, दोनों समाहित- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने राज्यसभा में यह भी कहा था कि आप सैनिक स्कूल के भी विद्यार्थी रहे हैं. किसान पुत्र और सैनिक स्कूल के विद्यार्थी के रूप में देखता हूं कि आप में किसान और जवान, दोनों समाहित हैं. आज संसद का यह उच्च सदन एक ऐसे समय में आपका स्वागत कर रहा है, जब देश दो महत्वपूर्ण अवसरों का साक्षी बना है. उन्होंने जी-20 की मेजबानी के दायित्व और अमृतकाल के आरंभ का जिक्र करते हुए कहा था कि मुझे खुशी है कि इस महत्वपूर्ण कालखंड में आपके जैसा सक्षम नेतृत्व इस सदन को मिला है.
पीएम मोदी ने कहा था कि आज आप संसद के उच्च सदन के मुखिया के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी का औपचारिक शुभारंभ कर रहे हैं. आज पहली बार महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश की गौरवशाली आदिवासी विरासत हमारा मार्ग दर्शन कर रही है. इसके पहले भी रामनाथ कोविंद जी ऐसे ही वंचित समाज से निकलकर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे थे और अब एक किसान के बेटे के रूप में आप भी करोड़ों देशवासियों की, गांव गरीब और किसान की ऊर्जा का प्रतिनधित्व कर रहे हैं.
उन्होंने राज्यसभा सभापति के आसन पर आसीन जगदीप धनखड़ को संबोधित करते हुए कहा था कि आपका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सिद्धि सिर्फ साधनों से नहीं, साधना से मिलती है. आपने वो समय भी देखा है, जब आप कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे. पीएम मोदी ने कहा था कि गांव-गरीब-किसान के लिए आपने जो किया, वह सामाजिक जीवन में हर व्यक्ति के लिए एक उदाहरण है. उन्होंने यह भी कहा था कि आपके पास सीनियर एडवोकेट के रूप में तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है. विश्वास से कह सकता हूं, इस सदन में आप कोर्ट की कमी महसूस नहीं करेंगे. क्योंकि सभा में बहुत बड़ी मात्रा में वो लोग ज्यादा हैं, जो आपको सुप्रीम कोर्ट में मिला करते थे.
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पीएम मोदी ने कहा था कि आपने विधायी से लेकर सांसद, केंद्रीय मंत्री, गवर्नर तक की भूमिका में काम किया है. इन सब में जो एक बात कॉमन रही- वह है देश के विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए आपकी निष्ठा. निश्चित रूप से आपके अनुभव देश और लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा था कि आप राजनीति में रहकर भी दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर सबको साथ जोड़कर काम करते रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा था कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी आपके लिए सबका वह अपनापन हमने स्पष्ट रूप से देखा. मतदान के 75 फीसदी वोट पाकर जीत हासिल करना अपने आप में अहम रहा है.
आपके जैसा नेतृत्व सदन के हर सदस्य के लिए सौभाग्य- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा था कि हमारे यहां कहा जाता है नयति इति नायकः अर्थात हमें जो आगे ले जाए, वही नायक है. यही नेततृत्व की वास्तविक परिभाषा है. राज्यसभा के संदर्भ में यह बात और महत्वपूर्ण हो जाती है. जब आपके जैसा जमीन से जुड़ा नेतृत्व इस सदन को मिलता है, तो मैं मानता हूं कि यह इस सदन के हर सदस्य के लिए सौभाग्य है.
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उन्होंने कहा था कि राज्यसभा देश के महान लोकतंत्र की विरासत की संवाहक और शक्ति रही है. अनेक उत्कृष्ट नेताओं की संसदीय यात्रा राज्यसभा से शुरू हुई थी. मुझे विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन में यह सदन अपनी इस विरासत को, अपनी गरिमा को आगे बढ़ाएगा, नई ऊंचाइयां देगा. सदन की गंभीर चर्चाएं हमारे गौरव को और अधिक ताकत देगी. मुझे विश्वास है कि आपकी हाजिरजवाबी पूर्व उपराष्ट्रपति की कमी सदन को खलने नहीं देगी.
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा था
कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जगदीप धनखड़ के राज्यसभा सभापति का पद संभालने पर उन्हें भूमिपुत्र बताते हुए कहा था कि उच्च सदन के संरक्षक के रूप में आपकी भूमिका बाकी भूमिकाओं से बहुत बड़ी है. उन्होंने कहा था कि पंडित नेहरू ने कभी राज्यसभा के अधिकारों को कम नहीं होने दिया. उन्होंने 1953 में बजट सत्र को दौरान साफ कहा था कि लोकसभा और राज्यसभा साथ मिलकर भारत की संसद बनाते हैं. हमारे संविधान के अनुसार दोनों सदनों की ऑथॉरिटी के बीच, मनी बिल्स को छोड़कर कोई अंतर नहीं है.
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि विपक्ष के लोग संख्या बल में भले ही कम हों, लेकिन उनके अनुभवों में ताकत होती है. समस्या यह है कि इनकी जगह नंबरों की गिनती होती है, विचारों के बारे में नहीं सोचा जाता. उन्होंने कहा कि विपक्ष की तरफ से हम यही कहना चाहते हैं कि हम आपको अपनी तरफ से पूरा-पूरा सहयोग देंगे. उन्होंने अपनी बात एक शेर पढ़कर खत्म की- 'मेरे बारे में कोई राय मत बनाना ग़ालिब, मेरा वक्त भी बदलेगा, मेरी राय भी बदलेगी'.