भारत की पहली रीजनल रेल सेवा का नाम 'RAPIDX' रखा गया है. सबसे पहले दिल्ली मेरठ के बीच रैपिड रेल चलायी जाएगी जिसका काम तेजी से चल रहा है. यही वजह है कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल सेवा को RAPIDX नाम दिया गया है.
भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल रेल सेवाओं को NCRTC द्वारा 'RAPIDX' नाम दिया गया है. ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर चलेंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रमुख शहरी नोड्स को आपस में जोड़ने के लिए बनाई जा रही है.
रीजनल रेल सेवा को RAPIDX नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि ये अलग-अलग भाषाओं में पढ़ने और उच्चारण करने में आसान है. 'रैपिड' नाम को पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूरे क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अपनी यातायात माध्यम के रूप में पसंद किया जा रहा है.
दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) 82.15 Km (51.05 मील) लंबा और सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर है. यह कॉरिडोर दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा. फिलहाल इसका काम चल रहा है. बीते साल अगस्त महीने में रैपिड रेल का ट्रायल किया गया था.
180 किमी/ घंटे की होगी स्पीड
इस ट्रेन की अधिकतम गति की बात करें तो ये 180 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. 180 किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किमी/घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किमी/घंटे की ऐवरेज स्पीड के साथ ये आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी.
आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है, जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेंगी.
चलाई जाएगी दो तरह की ट्रेन
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत चलने वाली रैपिड रेल में दो तरह की ट्रेनें चलाई जाएंगी. पहली एक ट्रेन मोदीपुरम से बेगमपुर-प्रतापपुर होते हुए दिल्ली के सराय काले खां तक चलेगी. जिसका नाम रैपिड रेल है.
दूसरी मोदीपुरम से बेगमपुर होते हुए प्रतापपुर तक चलेगी, जिसका नाम मेरठ मेट्रो यानी MTS होगा. रैपिड रेल की संख्या 30 तक होगी. हर 10 मिनट पर एक ट्रेन आती-जाती रहेगी. 160 किलोमीटर की स्पीड से यह रैपिड रेल लोगों को अपने गंतव्य तक 40 मिनट में पहुंचा देगी.
यह रेल पूरी तरह से ऑटोमेटिक ट्रेन सुरक्षा ,ऑटोमेटिक नियंत्रण ऑटोमेटिक संचालन से संपन्न रहेगी. इसमें बैठने के लिए सीट और खड़े होने के लिए बीच में जगह रहेगी.