भारतीय सेना ने अपने सोशल मीडिया दिशानिर्देशों में बदलाव किया है, जिसके तहत अब सेना के जवान इंस्टाग्राम पर साइन अप कर सकते हैं, लेकिन एक शर्त के साथ कि वे इसे केवल "पैसिव ऑब्जर्वर" के रूप में उपयोग करें और इस प्लेटफॉर्म पर पोस्ट या टिप्पणी न करें. यह जानकारी गुरुवार को सूत्रों द्वारा दी गई है.
इस बदलाव का उद्देश्य सेना के कर्मियों को “सूचना के डिजिटल युग” में जागरूक बनाना और संवेदनशील जानकारी के किसी भी संभावित या अनजान लोगों तक पहुंचने से रोकना है. यह संशोधित दिशानिर्देश कुछ दिन पहले जारी किए गए हैं और भारतीय सेना के सभी रैंक पर लागू होते हैं.
सूत्रों के अनुसार, अब सेना के जवान इंस्टाग्राम पर केवल पोस्ट देख सकते हैं, लेकिन किसी प्रकार की सामग्री पोस्ट करने, टिप्पणी करने या यहां तक कि किसी पोस्ट को 'लाइक' करने की अनुमति नहीं होगी. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी “यूजर जनरेटेड कंटेंट” सोशल मीडिया पर साझा न हो.
पहले सेना के लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साइन अप कर सकते थे, लेकिन इंस्टाग्राम पर ऐसा संभव नहीं था. वहां भी जवान केवल पोस्ट देख सकते हैं, कोई पोस्ट नहीं कर सकते, न ही टिप्पणी या री-पोस्ट कर सकते हैं.
सेना की इस नीति में बदलाव का मुख्य कारण यह है कि सूचना युग बदल रहा है और सेना को इस डिजिटल दुनिया से पूरी तरह अलग नहीं रखा जा सकता. सोशल मीडिया के माध्यम से वे देश और विदेश की घटनाओं से खुद को अपडेट रख सकते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि संवेदनशील जानकारी गलती से भी लीक न हो.
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नवंबर में चाणक्य डिफेंस डायलॉग के दौरान भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने स्मार्टफोन रखने की महत्ता पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि आज के सैनिक को अपने परिवार से जुड़े रहने और ई-बुक्स पढ़ने के लिए स्मार्टफोन जरूरी है, लेकिन यह भी समझना आवश्यक है कि “आवेग में प्रतिक्रिया” और “सोच-समझ कर प्रतिक्रिया” करने में फर्क होता है.
जनरल द्विवेदी ने यह भी कहा था कि आज की पीढ़ी "सामाजिक रूप से जागरूक, डिजिटल रूप से निपुण और वैश्विक रूप से जुड़ी हुई" है, जो विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.