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टेरर फंडिंग पर कसेगी लगाम, भारत में होगा 'No money for terror' इंटरनेशनल सम्मेलन, PM मोदी करेंगे उद्घाटन

भारत में 'No money for terror' के नाम से जल्द ही इंटरनेशनल सम्मेलन आयोजित किया जाना है. इसमें आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों पर लगाम लगाने को लेकर कई देशों की एजेंसियों से बातचीत की जाएगी. कार्यक्रम का आयोजन NIA कर रही है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही भारत में 'No money for terror' के नाम से इंटरनेशनल कार्यक्रम का आयोजन होने वाला है. इसका आयोजन NIA कर रही है. राजधानी के ताज पैलेस होटल में हो रहे इस विश्व स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 नंवबर को 11 बजे के करीब करेंगे. सम्मेलन में 75 देशों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है.

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी वेस्ट और NIA के DG दिनकर गुप्ता के साथ नेशनल मीडिया सेंटर में शाम 17 नवंबर की शाम बड़ी प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करेंगे. इसमें टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी जाएगी.

एक तरफ 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विश्व स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे तो वहीं 19 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके समापन पर ताज पैलेस होटल में शाम 5 बजे अलग-अलग देशों से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे.

सम्मेलन का एजेंडा क्या होगा?

1. आतंक पर हो रही विदेशी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाये जाएंगे. एजेंसियां विदेशी फंडिंग के रूट्स की तलाश में आपसी सहयोग और पारदर्शिता दिखाएंगी.

2. मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर आतंकी संगठनों ने अपना तरीका बदला है. इस पर सभी एजेंसियों को एकजुट होकर जानकारी हासिल करने की बात कही जाएगी, जिससे इसके रूट तक पहुंचा जा सके.

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3. आतंकी फंडिंग में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल और क्राउडफंडिंग के तरीकों पर लगाम लगाने के लिए इस सम्मेलन में विश्व की जांच एजेंसियों के बीच चर्चा होगी. साथ ही जानकारियां आदान-प्रदान पर जोर रहेगा. यही नहीं एजेंसियां डार्कवेब के जरिए हो रही आतंकी फंडिंग पर भी कड़ी निगरानी रखेंगी, जिस पर सभी एजेंसियों के बीच सहमति बनाने पर भारत का जोर रहेगा.

4. आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फंडिंग इकट्ठा करने में जुटे रहते हैं, उस पर लगाम लगाने की रणनीति पर भी इस विश्वस्तरीय कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी.

5. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक समान वैश्विक कानून के दायरे में हों, ताकि फर्जी तरीके से की जा रही टेरर फंडिंग को रोका जा सके. और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की सही जानकारी देशों के पास रहे, जिससे कि वह ऐसे आतंकी फंडिंग करने वाले लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकें.

6. कट्टरवाद और जेहाद को फैलाने वाले आतंकी संगठनों पर समय रहते एक्शन हो, इसके लिए भारत का जोर रहेगा कि वह सभी देशों को इस सम्मेलन के माध्यम से एकजुट करें.

7. इस सम्मेलन में भारत के पड़ोसी देशों में चल रही राजनीतिक परिस्थिति और उसके द्वारा जन में आतंकवाद पर भी चर्चा होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान और पाकिस्तान में समय-समय पर जो राजनीतिक उथल-पुथल होती है, उसका फायदा आतंकी संगठन उठाते हैं,

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8. आतंकी और खालिस्तानी गतिविधियों का फायदा उठा कर विदेशों में बैठे लोग, आतंकी फंडिंग करते हैं. ऐसे लोगों पर कड़ी निगरानी रखने पर भी कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी. जानकारी के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तानी संगठन कनाडा अमेरिका जर्मनी ब्रिटेन में रहकर भारत के खिलाफ फर्जी प्रोपेगेंडा फैलाते हैं, ऐसे संगठनों पर भी नकेल कसने की तैयारी है.

9. टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए निजी भागीदारी का सहयोग लेने पर भी विचार किया जा रहा है. इसे किस तरह से बढ़ाया जाएगा, उस कदम पर बड़ी चर्चा होगी.

10. सभी देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) को बेहतर तरीके से मजबूत करने को लेकर जोर दिया जाएगा.

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