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शहर था जेद्दा, यूक्रेन-रूस वॉर था मुद्दा और बातचीत की टेबल पर थे NSA डोभाल!

एनएसए अजित डोभाल यूक्रेन- रूस संघर्ष पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सऊदी अरब के जेद्दा पहुंचे. बैठक के दौरान डोभाल ने कहा कि भारत ने संघर्ष की शुरुआत से ही रूस और यूक्रेन दोनों के साथ नियमित रूप से बातचीत की है.

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अजित डोभाल का जेद्दा एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया
अजित डोभाल का जेद्दा एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर सऊदी अरब के जेद्दा में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और अन्य अधिकारियों का एक शिखर बैठक हुई. यह बैठक सऊदी अरब की मेजबानी में हुई और भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इसमें शामिल हुए. इस दौरान डोभाल ने बताया कि भारत ने संघर्ष की शुरुआत के बाद से नियमित रूप से रूस और यूक्रेन दोनों के साथ उच्चतम स्तर पर बातचीत की है. 

डोभाल ने कहा सभी हितों का रखा जाए ध्यान

डोभाल ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित सिद्धांतों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि सभी देशों द्वारा संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान बिना किसी अपवाद के बरकरार रखा जाना चाहिए. न्यायसंगत और स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए शांति की सभी कोशिशों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. इसी भावना के साथ भारत ने जेद्दा में बैठक में भाग लिया.

 डोभाल ने कहा, 'पूरी दुनिया और खासकर ग्लोबल साउथ इस स्थिति का खामियाजा भुगत रहा है. भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ में अपने पड़ोसियों को आर्थिक सहायता दोनों प्रदान कर रहा है. भारत का दृष्टिकोण हमेशा संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने का रहा है और रहेगा. शांति के लिए आगे बढ़ने का यही एकमात्र रास्ता है.'

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वैश्विक चुनौतियों का किया जिक्र

वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए एनएसए डोभाल ने कहा कि इस बैठक में दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ता है, जिसमें स्थिति का समाधान और संघर्ष के परिणामों के प्रति नरमी शामिल है. प्रयासों की बदौलत दोनों चुनौतियों से निपटा जाना चाहिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक जमीनी कार्य की आवश्यकता है. वर्तमान में, कई शांति प्रस्ताव सामने रखे गए हैं, प्रत्येक के कुछ सकारात्मक बिंदु हैं लेकिन दोनों पक्षों को कोई भी स्वीकार्य नहीं है.

अजीत डोभाल ने कहा कि इस बैठक में जिस मुख्य प्रश्न पर ध्यान देने की आवश्यकता है और वह यह है कि क्या कोई ऐसा समाधान खोजा जा सकता है जो सभी प्रासंगिक हितधारकों को स्वीकार्य हो. उन्होंने कहा कि भारत स्थायी और व्यापक समाधान खोजने के लिए एक सक्रिय और इच्छुक भागीदार बना रहेगा. अगर ऐसा कोई परिणाम निकलता है तो इससे सबसे ज्यादा खुशी और संतुष्टि भारत को होगी. 

 

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