पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के बाद भारतीय सरकार ने शनिवार को उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला बातें कही थीं.
PIB फैक्ट चेक यूनिट ने कहा, 'सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किया है. ये दावा पूरी तरह से फर्जी है.'
PIB ने कहा कि इस तरह का कंटेंट भारत में सांप्रदायिक नफरत पैदा करने के लिए प्रसारित किया जा रहा है.
दरअसल, ननकाना साहिब सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्मस्थान है और ये गुरुद्वारा सिखों के लिए एक पूजनीय तीर्थस्थल है.
सरकार ने कुछ सोशल मीडिया पोस्टों को भी फर्जी बताया है, जिनमें दावा किया गया था कि एक भारतीय पायलट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में अपने लड़ाकू विमान से उतर गया और एक महिला वायु सेना पायलट को पाकिस्तान में पकड़ लिया गया.
सरकार ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान द्वारा किए गए साइबर हमले में भारत का पावर ग्रिड निष्क्रिय हो गया है तथा मुंबई-दिल्ली एयरलाइन मार्ग अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
सरकार ने कहा, 'ये दावे फर्जी हैं.'
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने परिचालन संबंधी कारणों से दिल्ली और मुंबई उड़ान सूचना क्षेत्रों के अंदर एयर ट्रैफिक सर्विस (ATS) मार्गों के 25 खंडों को अस्थायी रूप से बंद रखने की अवधि बढ़ा दी है.
सरकार ने ये भी कहा कि भारतीय सैनिकों को रोते हुए दिखाने वाला पुराना वीडियो वास्तव में एक निजी रक्षा कोचिंग सेंटर के युवाओं का था जो सेना में अपने चयन का जश्न मना रहे थे.
पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने कहा कि संबंधित वीडियो 27 अप्रैल को इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया था और इसका सेना से कोई संबंध नहीं है.
इसमें कहा गया है, 'वीडियो में एक निजी रक्षा कोचिंग संस्थान के छात्रों को भारतीय सेना में अपने चयन का जश्न मनाते हुए दिखाया गया है. वीडियो में दिख रहे युवा कथित तौर पर अपनी सफल भर्ती की खबर पाकर खुशी से भावुक हो गए.'
सरकार ने विदेशी मीडिया के एक वर्ग में शुक्रवार को श्रीनगर हवाई अड्डे के आसपास 10 विस्फोटों के बारे में आई खबरों को भी खारिज कर दिया. साथ ही जयपुर एयरपोर्ट के पास विस्फोटों के अलग-अलग दावों को भी खारिज कर दिया.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'ये दावे फर्जी हैं. प्रामाणिक जानकारी के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें.'
पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने ये भी कहा कि भारतीय सेना की चौकियों को नष्ट करने के बारे में सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे झूठे हैं और इस संबंध में शेयर किया गया वीडियो 2020 का है.
इसमें कहा गया है, 'ये वीडियो पुराना है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की किसी गतिविधि से संबंधित नहीं है. वीडियो को मूल रूप से 15 नवंबर, 2020 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था.'