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'मैंने हमेशा संविधान की मर्यादा का सम्मान किया...', संविधान दिवस पर बोले पीएम मोदी

SC के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे संविधान में भगवान राम, सीता, हनुमान, बुद्ध, महावीर, गुरु गोविंद सिंह जी जैसे कई महापुरुषों के चित्र हैं. इससे हमें मानवीय मूल्य मिलते है.

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प्रधानमंत्री मोदी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री मोदी (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित संविधान दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के महत्वपूर्ण दिवस के साथ आज मुंबई में लोकतंत्र पर हुए हमले का दिन भी है. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकी गतिविधियों और उनके संचालक संगठनों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. जिन पीड़ितों और उनकी इच्छाओं और सपनों की बात बाबा साहब और संविधान निर्माताओं ने की उनको समय के साथ पूरा करने की मुहिम जारी है. संविधान हमारे वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है. इसने हर मुश्किल में उचित मार्ग दिखाया है. हर जरूरत और अपेक्षा पर खरा उतरा है. तभी तो आज जम्मू कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस मनाया गया है.

पीएम मोदी बोले कि भारत के भविष्य का मार्ग बड़े सपनों और संकल्पों की सिद्धि का है. हर एक नागरिक को गरिमा पूर्ण जीवन मिले. आर्थिक और सामाजिक समानता के लिए 53 करोड़ से ज्यादा गरीबों वंचितों का खाता खुला. दस करोड़ से ज्यादा घरों को गैस कनेक्शन मिला. प्रधानमंत्री ने बताया कि आजादी के 75 साल बाद भी देश के सिर्फ तीन करोड़ घरों में ही नल का जल आता था. हमने कुछ सालों में 12 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाया.

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे संविधान में भगवान राम, सीता, हनुमान, बुद्ध, महावीर, गुरु गोविंद सिंह जी जैसे कई महापुरुषों के चित्र हैं. इससे हमें मानवीय मूल्य मिलते है.

26/11 में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि

संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने 26/11 हमले को भी याद किया. पीएम ने कहा कि हम ये नहीं भूल सकते कि आज के ही दिन मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है. इस हमले में जिन व्यक्तियों का निधन हुआ, उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं. 

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संविधान निर्माता जानते थे...

पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे. वो जानते थे कि आज़ाद भारत की और भारत के नागरिकों की ज़रूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी. इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज़ कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा. बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया. हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है. आज हर देशवासी का एक ही ध्येय है- विकसित भारत का निर्माण.

प्रधानमंत्री मोदी बोले कि संविधान ने मुझे जो काम दिया है, मैंने उसकी मर्यादा में रहने का प्रयास किया है. मैंने कोई Encroachment की कोशिश नहीं की है.  

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