हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार को अगले 24 घंटों में आठ जिलों के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बाढ़ आने की चेतावनी दी है. ये जिले हैं चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना. हिमाचल प्रदेश में 1 जून से 8 जुलाई तक सामान्य 152.6 मिमी बारिश के मुकाबले 203.2 मिमी बारिश हुई है.
मौसम विभाग ने अगले सोमवार तक सूबे के सात जिलों में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'येलो' अलर्ट भी जारी किया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर के प्रतिनिधित्व वाले सिराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली और थुनाग के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निर्धारित दौरा मंगलवार को खराब मौसम के कारण रद्द कर दिया गया.
सैकड़ों सड़कें ब्लॉक...
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, राज्य में कुल 198 सड़कें बंद हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा प्रभावित मंडी ज़िले की 150 सड़कें शामिल हैं, जबकि 159 ट्रांसफ़ॉर्मर और 297 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं. पिछले 24 घंटों से सिरमौर में हो रही मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और टोंस, यमुना और गिरि नदियां उफान पर हैं. जिला प्रशासन ने लोगों को नदियों, नालों और नालों के नज़दीक न जाने की चेतावनी दी है.
नाहन में पिछले 24 घंटों में 124.2 मिमी बारिश हुई. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, जट्टौं बैराज के अधिकारियों से मुख्य गिरि नदी में जट्टौं बैराज से बाढ़ का पानी छोड़े जाने की तीन चेतावनियां प्राप्त हुईं, जो पांवटा क्षेत्र को पार करके यमुना में मिलती है. यह बैराज सिरमौर जिले के ददाहू के पास गिरि नदी पर स्थित है.
कार्यकारी अभियंता राकेश खंडूजा ने बताया कि नाहन-कुमारहट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 907ए) का 50 मीटर हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और वाहनों की आवाजाही के लिए एक संकरा रास्ता बचा है, क्योंकि बनोग इलाके से गुजरने वाले नाहन के मुख्य नाले में बाढ़ के कारण भारी तबाही मची है.
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अधिकारियों ने क्या बताया?
हिमाचल प्रदेश वन निगम के राल और तारपीन फैक्ट्री परिसर को भी नुकसान पहुंचा है. फैक्ट्री के महाप्रबंधक वेद शर्मा ने बताया कि बाढ़ के पानी ने फैक्ट्री के टैंक, मशीनरी और डंपिंग सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया है. उत्पादन रोक दिया गया है और इसे फिर से शुरू होने में तीन से चार दिन लग सकते हैं.
बनोग के निवासियों के एक वर्ग ने दावा किया कि सीवेज नाले (नाले) में बाढ़ का मुख्य कारण इस सीवेज नाले पर एक आम पार्क का निर्माण है, जिसके लिए नाले के क्षेत्र में तीन पुलिया बनाई गई हैं, जो कीचड़ के साथ पानी के भारी प्रवाह की वजह से अवरुद्ध हो गई हैं. पानी सड़कों पर बहने लगा और आवासीय क्षेत्र में घुस गया.
मॉनसून में अब तक क्या-क्या हुआ?
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून 20 जून को पहुंचा. मंडी जिले में 1-8 जून की अवधि में 110 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई, शिमला में 89 फीसदी और ऊना में 86 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई. राज्य के कुछ हिस्सों में सोमवार शाम से मध्यम से भारी बारिश हो रही है.
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अधिकारियों के मुताबिक, 20 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में 31 बाढ़, 22 बादल फटने और 17 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं और राज्य में अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 52 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि मंडी जिले में थुनाग, गोहर और करसोग उपखंडों में पिछले हफ्ते लापता हुए 28 लोगों का पता लगाने के लिए सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में 20 जून से अब तक 85 मौतें हुई हैं, जिनमें से 54 मौतें बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं से जुड़ी हैं. अधिकारियों ने बताया कि बाकी 31 मौतें सड़क हादसों से जुड़ी हैं.