मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों के लिए वेदर फोरकास्ट जारी किया है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों में तीव्र वर्षा और तापमान में उतार-चढ़ाव की बात कही गई है. देश में मौसम की स्थिति ऐसी बनी हुई है कि कुछ हिस्सों में नदियां उफान पर हैं, कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं कुछ जगहों पर लोगों को बारिश का इंतजार है.
राजस्थान के धौलपुर में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मदद के लिए सेना को बुलाया गया है. चंबल का जल स्तर बढ़ने के चलते धौलपुर जिले में कई गांव टापू में तब्दील गए और वहां सेना के जरिए मदद पहुंचाई जा रही है. इन गांवों में आर्मी की नावों के जरिए खाना और मेडिकल सुविधाएं भेजी जा रही हैं.
अलापुर डैम ओवरफ्लो होने से कई गांव जलमग्न
ग्वालियर-चंबल अंचल में बारिश मुसीबत बन गई है. डबरा-भितरवार के बाद अब ग्वालियर में भी बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. ग्वालियर के वार्ड 61 में हबीपुरा गांव अलापुर डैम ओवरफ्लो होने के कारण टापू बन गया है. यहां करीबन 200 से अधिक ग्रामीण अपने मवेशियों, खाने-पीने और गृहस्थी के सामान के साथ अब भी फंसे हुए हैं.
ग्वालियर के एसडीएम अतुल सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं. ग्रामीणों तक नांव के माध्यम से खाने-पीने की चीजें और दवाएं पहुचाया गया है. कुछ ग्रामीणों को गांव से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. गांव में आधे मकान डूब चुके हैं और कुछ मकान शेष रह गए हैं, जो डूबने की कगार पर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस तरह की बाढ़ ग्वालियर में 35 साल बाद देखी है.
पठानकोट-चंबा हाईवे पर पहाड़ों से गिरा मलबा
हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ जिलों में भी बारिश के कारण लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं. लगातार हो रही तेज बारिश के चलते शुक्रवार को पठानकोट-चंबा नेशनल हाईवे पर चंबा के तुनू हट्टी के पास केरू पहाड़ पर कई झरने फूट पड़े. पहाड़ों से पानी के तेज बहाव के साथ मलबा सड़क पर आ गया, जिस कारण चंबा-पठानकोट नेशनल हाईवे कई घंटों तक बंद रहा और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. व्यास और पार्वती नदी भी खतरे के निशान के करीब बह रही हैं. कुल्लू शहर के बीचोबीच बह रही सरवरी खड्ड में पानी के तेज बहाव ने कई घरों और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया. जिला प्रशासन ने एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है.
कुल्लू के लगघाटी क्षेत्र की पहाड़ियों पर लगातार वर्षा के कारण सरवरी खड्ड में अचानक पानी का सैलाब आ गया, जिससे आसपास के दुकानों, मकानों और बस स्टैंड को खतरा उत्पन्न हो गया है. खड्ड के आसपास रहने वाले लोग डरे हुए हैं. यदि बारिश इसी रफ्तार से जारी रही, तो खड्ड का पानी बाजार और रिहायशी क्षेत्रों की ओर मुड़ सकता है, जिससे भारी तबाही की आशंका है.
कुल्लू में उफान पर हैं व्यास और पार्वती नदियां
कुल्लू की प्रमुख व्यास और पार्वती नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. क्षेत्र में भारी बारिश का यह दौर लोगों को 2023 की विनाशकारी बाढ़ की याद दिलाने लगा है, जब भारी तबाही देखने को मिली थी. स्थानीय निवासी शगुन शर्मा ने आज तक से बातचीत में कहा कि लगघाटी में हुई भारी बारिश के कारण सरवरी नदी उफान पर है. उन्होंने कहा कि नदी में मवेशियों और बड़े-बड़े पेड़ बहते हुए देखे गए हैं.
सरवरी में बढ़ते जलस्तर से उसके आसपास स्थित मकानों, पार्किंग साइट, सब्जी मंडी की दुकानों को खतरा पैदा हो गया है. स्थानीय लोगों को डर लग रहा है कि कहीं नदी की पानी का बहाव बाजार की तरफ न मुड़ जाए एक अन्य स्थानीय निवासी पूजा ने आज तक से कहा कि आए दिन हिमाचल प्रदेश में बरसात से भारी नुकसान हो रहा है. हम सरवरी खड्ड के नजदीक रहते हैं, कहीं यह पानी घरों में ना घुस जाए. अब बस भगवान से यही दुआ है कि बारिश रुक जाए और कोई नुकसान ना हो.
एक अन्य स्थानीय निवासी सिद्धार्थ ने आज तक को बताया कि कुल्लू के ऊपर यह आपदा है और यहां कुछ वर्षों से ऐसी ही घटनाएं लगातार हो रही हैं. भारी बारिश के कारण व्यास नदी के साथ शहर के नाले उफान पर हैं, जिससे एक डर का माहौल बना हुआ है. बस स्टैंड और साथ लगते पुल को भी खतरा पैदा हो गया है. पुलिस और प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं.