scorecardresearch
 

अफसरों की शह पर होती रही लापरवाही! गेम जोन संचालकों के साथ राजकोट के अधिकारियों की फोटो वायरल

22 मार्च 2022 के दिन तत्कालीन राजकोट कलेक्टर महेश बाबू, तत्कालीन डीसीपी जोन-1 प्रवीण मीना, तत्कालीन एसपी बलराम मीना, तत्कालीन राजकोट नगर निगम के कमिश्नर अमित अरोरा की मौजूदगी TRP गेम जोन में थी. इसका फोटो सोशल मीडिया पर सामने आया है. 

Advertisement
X
राजकोटमें शनिवार को एक गेमिंग जोन में आग लग गई थी
राजकोटमें शनिवार को एक गेमिंग जोन में आग लग गई थी

राजकोट के TRP गेमिंग जोन में भीषण अग्निकांड को लेकर जांच जारी है तो वहीं, अब इस मामले में लापरवाही की तहें भी खुलकर सामने आ रही है. इस अग्निकांड के सिरे कई अफसरों से भी जुड़ रहे हैं, जिनके रसूख के कारण TRP गेमिंग जोन, कई जरूरी प्रक्रियाओं के अधूरा रहने के बावजूद फलता-फूलता रहा. इस मामले में सोशल मीडिया पर एक फोटो भी वायरल हो रही है. 22 मार्च 2022 के दिन तत्कालीन राजकोट कलेक्टर महेश बाबू, तत्कालीन डीसीपी जोन-1 प्रवीण मीना, तत्कालीन एसपी बलराम मीना, तत्कालीन राजकोट नगर निगम के कमिश्नर अमित अरोरा की मौजूदगी TRP गेम जोन में थी. इसका फोटो सोशल मीडिया पर सामने आया है. 

2022 की एक फोटो हो रही वायरल,  गेम जोन में मौजूद थे अधिकारी 
सामने आया है कि, चारों अधिकारी राजकोट के TRP गेमिंग जोन में मौजूद थे. इसका फ़ोटो TRP गेमिंग जोन की तरफ से इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया था. चारों अधिकारियों को उस वक्त गेमिंग जोन के लिए जरूरी परमीशन नहीं मिली होने की बात को नजरअंदाज किया था. अगर उसी वक्त गेमिंग जोन को जरूरी परमीशन लेने के आदेश अधिकारियों ने दिए होते तो शायद इतनी बड़ी दुर्घटना से सबको बचाया जा सकता था. 

राजकोट अग्नि कांड

साल 2021 में शुरू हुआ था गेम जोन
बता दें कि, गेमिंग जोन साल 2021 से शुरू किया गया था, अब जब उसमें आग लगी और 28 लोगों की मौत हुई तो ऐसे में गेमिंग जोन के लिए फायर NOC नहीं ली जाने की हकीकत सामने आई है, लेकिन विवाद उस बात से शुरू हुआ कि, पुलिस ने गेमिंग जोन के लिए साल 2023 में लाइसेंस दिया और समय रहते रिन्यू भी कर दिया था. पुलिस ने गेमिंग जोन को परमिशन देने से पहले क्यों फायर डिपार्टमेंट से अभिप्राय नहीं मांगा ?

Advertisement

यह भी पढ़िएः राजकोट: कैसे 5 मिनट में आसमान छूने लगी सामान्य सी आग, अब भी एक परिवार के 5 लोग लापता

नहीं लगवाए थे फायर सेफ्टी के जरूरी सामान
राजकोट पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने कहा है कि पुलिस ने परमिशन R&B विभाग के अभिप्राय से दिया था और उस वक्त परमीशन के लिए सबमिट डॉक्यूमेंट में फायर सेफ्टी का बिल गेमिंग जॉन द्वारा रखा गया था. गेमिंग जॉन को फायर सेफ्टी के जरूरी सामान लगवाने थे, जो नहीं लगवाए और फायर NOC के लिए अप्लाई नहीं किया. 

बिना NOC कैसे चल रहा था गेम जोन
इस मामले में अब कार्रवाई और जांच का सिलसिला जारी है. एक-एक कदम पर कहां-कहां लापरवाही हुईं और कौन-कौन इनके जिम्मेदार थे, इसकी तह खंगाली जा रही है. हालांकि कई तथ्य ऐसे हैं जो ये सवाल उठाते हैं कि बिना NOC और परमिशन ये इतना बड़ा गेमिंग जोन कैसे चलाया जा रहा था. सामने आया है कि, राजकोट में TRP गेमिंग जॉन में शनिवार शाम 5:30 बजे आग लगी, घटना स्थल से 27 मृतदेह मिले थे, डीएनए मैचिंग की कार्यवाही अभी जारी है. 

राजकोट अग्नि कांड

छह आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज
कुल छह आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है. इनमें युवराज सिंह सोलंकी और नितिन जैन को गिरफ्तार किया गया है, बाकी के चार आरोपी फरार हैं. मामले की जांच क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी गई है. अधिकारियों ने बताया कि, जल्द से जल्द जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल करेंगे. इस मामले में FSL की टीम जो कि गांधीनगर से आई हुई है, वो भी मदद कर रही है. 

Advertisement

बच्चे बोले- स्टाफ ने अचानक आकर बाहर निकाला
शनिवार शाम को जब यह हादसा हुआ तब गेम जोन में खेल रहे हैं बच्चों में से जो बाहर निकल गए उन्होंने कहा कि अचानक वहां के स्टाफ ने हमें आकर कहा कि आग लगी है, आप बाहर निकलें, जिसके बाद वहां से सभी लोग दौड़ कर बाहर आए पर कुछ लोग बाहर नहीं निकल पाए. पहली मंजिल से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था.

2000 लीटर डीजल, 1500 लीटर पेट्रोल था स्टोर, 99 रुपये की स्कीम की वजह से जुटे थे ज्यादा लोग
टीआरपी गेम जोन में  1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर के लिए, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था. जिसकी वज़ह से आग इतनी फैली और पूरा स्ट्रक्चर जल कर खाक हो गया. गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था.  गेम जोन में एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी जिसकी वज़ह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement