scorecardresearch
 

किसान नेता डल्लेवाल ने संतों और धार्मिक नेताओं को लिखा पत्र, MSP को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का किया आग्रह

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि एसकेएम (नॉन पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा ने डल्लेवाल द्वारा साइन किया हुआ एक पत्र कई धार्मिक नेताओं और संतों को भेजा है. पत्र लिखकर केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव डालने की अपील की है. पत्र में बताया गया कि किसान पिछले 11 महीनों से अपनी कई मांगों के समर्थन में खनौरी और शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

Advertisement
X
किसान नेता जगजीत सिंह डल्‍लेवाल. (फाइल फोटो)
किसान नेता जगजीत सिंह डल्‍लेवाल. (फाइल फोटो)

अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को कई धार्मिक नेताओं और संतों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव डालने की अपील की है. जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी शामिल है.

इस बीच किसान नेताओं ने कहा कि डल्लेवाल की हालत बिगड़ रही है, जिसका आमरण अनशन रविवार को 48वें दिन में प्रवेश कर गया. संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. डल्लेवाल ने अभी तक किसी भी डॉक्टर की सलाह लेने से इनकार कर दिया है. डल्लेवाल भारती किसान यूनियन (एकता सिधुपुर) के प्रमुख भी हैं.   

मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि एसकेएम (नॉन पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा ने डल्लेवाल द्वारा साइन किया हुआ एक पत्र कई धार्मिक नेताओं और संतों को भेजा है. पत्र में बताया गया कि किसान पिछले 11 महीनों से अपनी कई मांगों के समर्थन में खनौरी और शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

Advertisement

एक किसान की हुई मौत

इसमें कहा गया है कि उनके विरोध के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में एक किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई और कई किसान घायल हो गए. पत्र में यह भी बताया गया है कि एक संसदीय पैनल ने हाल ही में एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की सिफारिश की है और कहा है कि इससे किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और देश को बहुत फायदा होगा.

MSP गारंटी कानून से बढ़ेगा क्रय

किसानों ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा. किसानों ने कहा कि पिछले 48 दिनों में प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के जजों को पत्र लिखे गए, लेकिन किसी ने हमारे पत्र पर ध्यान नहीं दिया और न ही किसी ने जवाब दिया. 'इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी कोई सरकार सही रास्ते से भटकती है तो संतों और धर्मगुरुओं ने सरकार को सही रास्ते पर लाने का काम किया है.'

'सरकार से कहें पूरे करे वादे'

इसमें कहा गया है, ''हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप वर्तमान सरकार से किसानों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए कहें ताकि किसानों को उनका अधिकार मिल सके और किसानों की आत्महत्या रोकी जा सके.'' इस बीच कोहाड़ ने कहा कि हरियाणा के हिसार से किसानों के एक ग्रुप ने डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी विरोध स्थल का दौरा किया.

Advertisement

13 फरवरी से डटे हैं किसान

आपको बता दें कि एसकेएम (नॉन पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने पिछले साल दिल्ली कूच करने के लिए मार्च निकाला था, जिससे सुरक्षाबलों ने रोक दिया था. इसके बाद 13 फरवरी से किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनोरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement