राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) और आस-पास के शहरों में लोग सुबह होने का इंतजार कर ही रहे थे कि तड़के 5 बजकर 36 मिनट पर अचानक ही धरती में कंपन शुरू हो गया. कुछ लोग सो रहे थे और उन्हें पता चला कि भूकंप आ गया है और उनकी नींद टूट गई. भूकंप का केंद्र दिल्ली का धौलाकुआं था, जो करीब पांच किलोमीटर गहरा था. कई सेकंड तक धरती डोलती रही. लोग दशहत में अपने घरों से बाहर निकल गए.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre For Seismology) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई. कुछ सेकंड तक चलने वाले भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इमारतों के अंदर जोरदार कंपन महसूस हुआ. भूकंप सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आया, जिससे लोगों की नींद उड़ गई.
'अचानक हिले खिड़कियों की शीशे...'
सुबह अचानक तेज गड़गड़ की आवाज सुनाई देने लगी. गड़गड़ाहट के साथ खिड़कियों के शीशे और फर्नीचर भी हिलने लगे, पंखे हिलने लगे. ऐसा लगा जैसे घर का सारा सामान कांप रहा हो. इस बीच कुत्ते जोर-जोर से भौंकने लगे. जब तक समझ में आया कि क्या हो रहा है, तब तक भूकंप आकर चला गया था. दरअसल ये एक बेहद तेज झटके वाला भूकंप था.
बस कुछ ही सेंकेड में दिल्ली की गलियां सुबह-सबेरे लोगों से भर गई. जो सोये थे उन्हें झकझोर कर जगाया गया. बच्चे-बड़े-बूढ़े सभी नींद से उठे. और धड़ाधड़ घर की गलियों में आ गए.
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PM मोदी की अपील
भूकंप आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से सतर्क रहने की अपील की. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैंय सभी से परेशान नहीं होने, सुरक्षा सावधानियों का पालन करने और संभावित झटकों के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया गया है. अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं."
महसूस किए लोगों की जुबानी...
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गाज़ियाबाद के एक निवासी ने कहा कि झटके बहुत तेज थे. मैंने इससे पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया. पूरी इमारत हिल रही थी.
भूकंप के झटकों की वजह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपने ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्रियों में घबराहट फैल गई, जहां शनिवार को भीड़ के कारण मची भगदड़ में 18 लोग मारे गए थे. पत्रकारों से बात करते हुए एक यात्री ने बताया कि जब भूकंप आया, तो वह वेटिंग लाउंज में था. सभी वहां से बाहर दौड़ पड़े. ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई पुल गिर गया हो.
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बिहार की भी धरती डोली...
दिल्ली के बाद बिहार के सीवान से भी भूकंप की खबरें आईं. जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता दिल्ली के जितनी ही थी. भूकंप के कारण सीवान के लोग दहशत में आ गए. लोग अपने-अपने घरों से निकलकर खुले इलाकों में भागे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया है कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 थी.
कब-कब कांपी दिल्ली?
आज से पहले भी दिल्ली में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. अक्सर दूर-दराज के इलाकों में आए भूकंप के झटके भी दिल्ली को हिलाते रहे हैं, जिनमें हिमालय, अफगानिस्तान या चीन में आने वाले भूकंप भी शामिल हैं. हाल के वर्षों में, इस इलाके में 4 तीव्रता के कई भूकंप आए हैं.
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साल 2022 में, दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था. इस दौरान किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई थी. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले 10 साल में 5 तीव्रता से ज्यादा का भूकंप दर्ज नहीं किया गया है.
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दिल्ली में सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाके कौन हैं?
कुछ साल पहले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अगर कोई शक्तिशाली भूकंप आता है, तो पूर्वी दिल्ली सहित यमुना और उसके बाढ़ के मैदानों के ज्यादातर इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.
लुटियंस क्षेत्र, जहां संसद स्थित है, दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर, जनकपुरी, रोहिणी, करोल बाग, पश्चिम विहार, सरिता विहार, गीता कॉलोनी, शकरपुर और जनकपुरी के साथ-साथ एक हाई रिस्क वाले इलाके हैं. दिल्ली एयरपोर्ट और हौज़ खास दूसरी सबसे खराब हाई रिस्क कैटेगरी वाले इलाके में आते हैं.
साल 2014 में, दिल्ली विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग द्वारा मिट्टी की संरचना पर आधारित ‘Liquefaction Vulnerability Map of Delhi’ तैयार किया गया था, जिसमें पता चला था कि यमुना बैंक, पीतमपुरा, उत्तम नगर, नरेला और पंजाबी बाग 6.5 तीव्रता के भूकंप के लिए संवेदनशील हैं.