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पिनाका रॉकेट का एडवांस वर्जन लॉन्च, ओडिशा में DRDO ने किया सफलतापूर्वक प्रयोग

पिनाका रॉकेट के इस एडवांस वर्जन की खास बात यह है कि 45 किलोमीटर दूर के टारगेट को भी आसानी से भेद सकता है. इस रॉकेट सिस्टम को पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (ARDE) और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) दोनों ने मिलकर बनाया है.

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पिनाका रॉकेट के नए वर्जन का परीक्षण (फोटो- PIB)
पिनाका रॉकेट के नए वर्जन का परीक्षण (फोटो- PIB)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • DRDO की एक और उपलब्धि
  • पिनाका रॉकेट का एडवांस वर्जन आया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट के चांदीपुर रेंज में पिनाका रॉकेट के एडवांस वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इस स्वदेशी रॉकेट का परीक्षण मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर से 24-25 जून को किया गया. एडवांस वर्जन वाले 25 पिनाका रॉकेट को लक्ष्य पर ताबड़तोड़ छोड़ा गया. इन सभी रॉकेट को अलग अलग रेंज से छोड़ा गया था. लॉन्चिंग के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हुए. 

पिनाका रॉकेट के इस एनहांस वर्जन की खास बात यह है कि 45 किलोमीटर दूर के टारगेट को भी आसानी से भेद सकता है. इस रॉकेट सिस्टम को पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (ARDE) और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) दोनों ने मिलकर बनाया है. इसमें निर्माण से जुड़ी मदद इकॉनोमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड, नागपुर के द्वारा की गई थी. इसके एडवांस वर्जन बनाने का मकसद इसका प्रयोग लंबी दूरी तक के टारगेट तक के लिए करना है.  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिनाका रॉकेट के एडवांस वर्जन के सफलतापूर्वक परीक्षण को लेकर DRDO और इंडस्ट्री को बधाई दी है.  

बता दें, इससे पहले इस रॉकेट की रेंज 37 किलोमीटर थे. पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रेगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं. यह रॉकेट 100 किलोग्राम तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम हैं.

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पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी एक सेकेंड में 1.61 किलोमीटर की गति से हमला करता है. दुश्मन को इतना भी मौका नहीं मिलता की वह टारगेट से दूर भाग सके. पिनाका रॉकेट मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) है.

और पढ़ें- चीन से तनाव के बीच सरकार खरीदेगी और पिनाका रॉकेट लॉन्चर, करगिल में दुश्मनों के छुड़ाए थे छक्के

करगिल युद्ध के दौरान इस मिसाइल को ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले इलाकों में भेजा गया था. वहां पर इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थीं. सभी पाकिस्तानी दुश्मनों को पहाड़ पर बनाए अपने बंकरों को छोड़कर भागना पड़ा या फिर मारे गए. क्योंकि ये रॉकेट इतनी गति से हमला करता है कि दुश्मन को संभलने का मौका ही नहीं मिलता.

 

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