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'किसान नहीं, मुफ्त की खाने वाला अपराध करता है', बिहार क्राइम पर ADG के बयान को डिप्टी CM विजय सिन्हा ने बताया गलत

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने एडीजी के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने राज्य में बढ़ते अपराध को किसानों से जोड़ा था. डिप्टी सीएम ने कहा कि किसान अन्नदाता है... किसान मेहनत कर के खाते हैं और खिलाता है. किसान अपराध नहीं करता, बल्कि जो मुफ्त में खाते हैं और खिलाते हैं, वो अपराध की बात करते हैं. साथ ही उन्होंने एडीजी के बयान को अनुचित बताया है.

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डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और ADG लॉ एंड ऑर्डर कुंदन कृष्णन. (photo: ITG)
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और ADG लॉ एंड ऑर्डर कुंदन कृष्णन. (photo: ITG)

बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसान अपराधी नहीं, बल्कि अन्नदाता है जो अपनी मेहनत से न केवल खुद का पेट भरता है, बल्कि पूरे देश को खिलाता है.

डिप्टी सीएम ने एडीजी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसान अन्नदाता है... किसान मेहनत कर के खाते हैं और खिलाता है. किसान अपराध नहीं करता, बल्कि जो मुफ्त में खाते हैं और खिलाते हैं, वो अपराध की बात करते हैं. हमने एडीजी का बयान नहीं सुना, पर उनका बयान उचित नहीं है... किसान का अपराध से कोई नाता नहीं है.

विजय सिन्हा ने ये बयान बिहार में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर एडीजी द्वारा दिए गए एक कथित बयान के संदर्भ में दिया है, जिसमें एडीजी ने किसानों को अपराध से जोड़ा था. 

क्या बोले ADG लॉ एंड ऑर्डर

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर), कुंदन कृष्णन ने कहा कि कई हत्याएं हो रही हैं, बिहार में और इस मई-जून में  हत्याओं की वारदात पहले से होती आई हैं. जब तक बरसात नहीं होती है, ये सिलसिला जारी रहता है. क्योंकि ज्यादातर किसानों को कोई काम नहीं रहता है. बारिश होने के बाद किसान व्यस्त हो जाते हैं और घटनाएं कम हो जाती हैं. एडीजी के इस बयान पर डिप्टी सीएम ने प्रतिक्रिया दी है.

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आपको बता दें कि निजी अस्पताल में हुई हत्या पर ऐसे बयान देने वाले एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अकेले नहीं, बल्कि बिहार में बीजेपी के सहयोगी दल नेता और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी और जेडीयू नेता लल्लन सिंह ने भी इसी तरह का बयान दिया है.

क्या बोले जीतनराम मांझी

जीतनराम मांझी ने कहा कि जिस हॉस्पिटल में हत्या हुई है, वह कोई सरकारी अस्पताल नहीं है. वो एक निजी हॉस्पिटल है. वहां सुरक्षा की क्या व्यवस्था है. उनके लोगों को सोचना चाहिए. और अगर अस्पताल में घुसकर के मारा है तो किसी साधु को नहीं मारा है. ये गैंगवार का मामला है. वो लोग तो कहीं भी कुछ कर सकते हैं. अगर ये वारदात सरकारी अस्पताल में होती तो मैं कुछ कह सकता था.

'ये आपसी विवाद है'

वहीं, ललन सिंह ने कहा कि भूल गए हैं क्या? अपहरण कितना होता था. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि हम यहां बैठे हैं, ये हमको मार देंगे और हम इनको मार देंगे तो ये क्राइम है? ये तो आपसी विवाद है और आपसी विवाद में घटना होती हैं, घटनाएं हो सकती हैं, दुनिया के किसी भी देश में. यहां, (बिहार में) कार्रवाई तुरंत होती है. घटना करने वाले लोग गिरफ्तार होते हैं.  

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