पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और संघर्षविराम जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, अब तक 12 विपक्षी दल इस मांग को लेकर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए विपक्षी दल एकजुट
इस सूची में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (एसपी), ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), आम आदमी पार्टी (AAP), शिवसेना (UBT), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), CPI-ML, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), और AIMIM शामिल हैं. ये सभी दल संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए कोऑर्डिनेट कर रहे हैं ताकि ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला और उससे जुड़े सुरक्षा मुद्दों पर बहस हो सके.
कपिल सिब्बल ने रखी थी पहली बार मांग
कपिल सिब्बल ने सबसे पहले 25 अप्रैल को इस विशेष सत्र की सार्वजनिक मांग की थी. इसके बाद TMC, कांग्रेस और AAP ने भी यह मांग उठाई और एनडीए सरकार पर दबाव बनाना शुरू किया. यह पहली बार होगा जब वक्फ संशोधन बिल के बाद विपक्ष एकजुट होकर भाजपा सरकार से जवाब मांगने के लिए एक मंच पर आ रहा है.
विपक्ष की क्या मांगें हैं?
विपक्ष चाहता है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए जिसमें पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद की सैन्य कार्रवाई, साथ ही पुंछ, राजौरी, उरी और कुपवाड़ा में नागरिक क्षेत्रों पर तोपबारी और गोलेबारी, संघर्षविराम और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाए. AITC सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा, 'हम भाजपा से लड़ने वाले दल हैं और मिलकर संसद का विशेष सत्र बुलवाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं.'