देश की राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण अपने चरम स्तर पर है. वायु की गुणवत्ता इतनी ख़राब हो गई है कि एक सेहतमंद इंसान भी बीमार पड़ जाए. इसका असर बच्चों और बूढ़े व्यक्तियों पर ज्यादा होता है.
हवा लगातार ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच बनी हुई है और इसी जहरीले माहौल का असर कई परिवारों की जिंदगी पर दिखाई दे रहा है.
नोएडा में रहने वाले कंटेंट क्रिएटर्स साक्षी और सचिन भी इन्हीं लोगों में शामिल हैं, जिनके पांच साल के बेटे जैरित की सेहत इस प्रदूषण की वजह से तेजी से बिगड़ी है.
आजतक से बातचीत करते हुए साक्षी बताती हैं कि दो साल पहले जब वे नोएडा आए, तब से उनके बेटे को खांसी और जुकाम की समस्या बार-बार होने लगी. डॉक्टरों ने साफ कहा कि प्रदूषण इसकी सबसे बड़ी वजह है.
लगातार समस्या बढ़ने पर बेटे को टॉन्सिल और एडेनॉइड इतने बड़े हो गए कि हाल ही में उनकी सर्जरी करनी पड़ी. फिलहाल वह मजबूत एंटीबायोटिक ले रहा है और ऑपरेशन के बाद उसे बाहर जाने की इजाजत नहीं है. साक्षी भावुक होकर कहती हैं, “उसे देखकर लगता है जैसे घर ही उसके लिए जेल बन गया हो.”
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परिवार का कहना है कि NCR की हवा बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो चुकी है और वे अब गंभीरता से सोच रहे हैं कि इस इलाके को छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर चले जाएं.
उनका मानना है कि बच्चे का भविष्य और सेहत सबसे बड़ी प्राथमिकता है, और NCR की प्रदूषित हवा अब एक स्थायी खतरा बन चुकी है.